छिंदवाड़ा

बच्चों के नेत्र रोग पर गंभीर नहीं शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग

अंधत्व निवारण कार्यक्रम में खानापूर्ति

छिंदवाड़ाDec 16, 2018 / 11:38 am

prabha shankar

blindness prevention program

छिंदवाड़ा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के नेत्र रोग को लेकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग गम्भीर नहीं है। अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक पढऩे वाले शासकीय स्कूलों के बच्चों की आंखों की जांच कर चश्मा उपलब्ध कराया जाता है। इसमें जिम्मेदारों ने खानापूर्ति कर दी।
इतना ही नहीं जिले के चौरई, हर्रई तथा तामिया विकासखंड में नाम मात्र की जांच की गई है। हालांकि इसकी वजह नेत्र सहायक पदस्थ नहीं होना बताया जाता है। जून महीने से शुरू उक्त कार्यक्रम की उचित मॉनिटरिंग न तो शिक्षा विभाग कर रहा है और न ही स्वास्थ्य विभाग ध्यान दे रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार जून से अब तक 265 स्कूलों के 26 हजार 761 बच्चों की जांच की गई। इनमें से 2881 विद्यार्थियों को दृष्टि दोष पाया गया तथा 2326 को निशुल्क चश्मा बांटा गया। वहीं शेष ऐसे बच्चे जो चोट, जन्म से नेत्रहीन, स्थायी विकलांगता या अन्य रोग से ग्रसित हंै, उन्हें उचित उपचार के लिए आरबीएसके को रैफर किया गया।

यह है नियम
अंधत्व निवारण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले ऐसे बच्चों को चिह्नित करना है, जिन्हें कम दिखने की समस्या होती है। नेत्र सहायक ऐसे बच्चों की पहचान कर उनके चश्में के नम्बर तैयार करते हंै तथा चिह्नित बच्चों को स्कूल में ही निशुल्क चश्मा मुहैया कराया जाता है।

756178 बच्चे हैं
बता दें जिले के 3722 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में 189600 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इसी तरह 168 हाईस्कूल में 411863 और 192 हायर सेकंडरी स्कूलों 154715 विद्यार्थी दर्ज हैं।

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