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Boycott of Panchayat elections: कहीं सड़क नहीं तो कहीं परिवारवाद हावी

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 02, 2022 10:07:40 am

Submitted by:

prabha shankar

मोहखेड़ के ग्राम तिकाड़ी के ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट

ratlam panchayat election news

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छिंदवाड़ा। विकासखंड मोहखेड़ की ग्राम पंचायत तिकाड़ी के ग्रामीणों ने सड़क नहीं बनने पर पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है। ग्रामवासियों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।
ग्रामवासियों ने कहा कि उनके गांव से छिंदवाड़ा-बैतूल मार्ग की दूरी मात्र 2.5 किमी है, जिसे आज तक मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा गया है। मार्ग से ग्राम से प्रतिदिन लगभग 100 छात्र-छात्राएं अध्ययन करने आते हैं। इसके साथ ही ग्रामवासी दैनिक मजदूरी करने प्रतिदिन छिंदवाड़ा जाते हैं। मार्ग कच्चा होने के कारण आवागमन की परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश के समय ग्रामवासियों का पैदल चलना भी मुश्किल होता है। जबकि यह ग्राम जिला मुख्यालय से मात्र 18 किमी दूर है। उन्होंने समस्या के समाधान की मांग की, अन्यथा ग्राम पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। मोहखेड़ विकासखण्ड में पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में मतदान होगा।

टेमनीकलां और गुजरखेड़ी में ग्रामीणों ने नहीं किया मतदान
ग्राम पंचायत गुजरखेड़ी और टेमनीकलां में ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के मतदान का बहिष्कार किया। वोट डालने के लिए प्रशासन कर्मचारियों पर दबाव बनाता नजर आया। ग्राम पंचायत गुजरखेड़ी पहुंचे तहसीलदार रत्नेश ठवरे ने यहां पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और कोटवार को वोट डालने के लिए कहा, लेकिन मतदान केंद्र के बाहर डटे ग्रामीणों ने विरोध किया। तीन बजे के पहले इस पंचायत के ग्राम अंबाड़ाखुर्द के बूथ पर चार वोट डाले गए।
इसी तरह पुलिया नहीं बनने से नाराज टेमनीकलां के ग्रामीणों ने भी चुनाव का बहिष्कार किया। यहां पर भी प्रशासन के दबाव के चलते बूथ क्र. 67 पर 7 और 68 पर 3 वोट डाले गए। रिटर्निंग अधिकारी वीर बहादुर सिंह धुर्वे ने बताया कि वोटिंग के प्रयाास किए गए। गुजरखेड़ी में मतदान नहीं हो सका। टेमनीकलां में वोट डाले गए।

रोहना में वोट डालने नहीं निकले ग्रामीणजन
रामाकोना क्षेत्र की ग्राम पंचायत रोहना में ग्रामीणों ने शुक्रवार को हुए पंचायत मतदान का अघोषित बहिष्कार किया। कोई भी मतदाता नहीं पहुंचा। अधिकारियों के दबाव में सिर्फ एक कोटवार, दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक रोजगार सहायक ने मतदान दिया। ग्रामीणों का कहना है कि विगत कई वर्षों से एक ही परिवार से सरपंच पद का उम्मीदवार खड़ा हो रहा है, जबकि पंचायत में उनके मात्र 4 घर हैं। यहां 97 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग एवं तीन फीसदी अन्य वर्ग के लोग निवासरत हैं। बता दें कि पूर्व में पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान ग्रामीणों ने विरोध किया था और प्रशासन से इस व्यवस्था को बदलने की मांग की थी। इसे लेकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर मतदान नहीं किया।

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