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इस गांव के लड़कों की नहीं हो रही शादी

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 20, 2017 12:54:27 am

Submitted by:

sanjay daldale

सांवरी बाजार से मात्र तीन किमी दूर बसे ग्राम पठरा खोकर पहुंच मार्ग आजादी के ७० साल बाद भी जस का तस है ।

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गांव में कोई अपनी लड़की की शादी तक करने को तैयार नहीं है।

सांवरी बाजार. सांवरी बाजार से मात्र तीन किमी दूर बसे ग्राम पठरा खोकर पहुंच मार्ग आजादी के ७० साल बाद भी जस का तस है । यहां के ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं को सड़क निर्माण करने के लिए आवेदन दिए लेकिन आज तक किसी भी नेता या अधिकारी ने सुध तक नहीं ली। कितनी ही बार सरकार बदली, लेकिन गांव का रास्ता नहीं बदला। कांग्रेस सरकार हो या भाजपा इस ग्राम के मार्ग की सुध लेने आज तक कोई नहीं पहुंचा। सांवरी से देवगढ़ एक पर्यटक स्थल है यहां पहुंचने के लिए भी रास्ता यहीं से होकर गुजरता है कई लोग इसी रास्ते से बड़ी मुश्किल से घुमने देवगढ़ जाते हैं। ग्राम के लोगों का कहना है कि हमें बाजार जाना हो या बच्चों को स्कूल जाना हो इसी मार्ग से होकर जाना होता है जिससे कभी हादसे भय बना रहता है। गांव की दुर्दशा इतनी खराब है कि हमारे गांव में कोई अपनी लड़की की शादी तक करने को तैयार नहीं है। ग्रामीण अब आगामी चुनाव में वोट न डालने की बात कह रहे हैं।

नहीं मिला पेयजल की समस्या से निजात

ग्राम पंचायत बदनूर दुर्दशा का शिकार है। यहां भी आज तक गांव का कोई भी सरपंच पानी की समस्या से निजात नहीं दिला पाया है। गांव में पानी के लिए शासन की ओर से कोई सुविधा नहीं की गई है। ग्रामीणों की मांग पर शासन ने कई बोर करवाए हैं उसमें अब सिर्फ एक ही चालू है। ग्राम के वार्ड एक से लेकर सात तक पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इन वार्ड के लोग आज भी एक किमी दूर से पानी लाने मजबूर हैं। जबकि वार्ड पांच में सरपंच सुमित्रा उइके का मकान है। सरपंच स्वयं किसान के निजी ट्यूबवेल से सिर कुंडी रखकर पानी लाती है। सरपंच ने इन वार्ड में पानी लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। जबकि ग्राम पंचायत बदनूर के वार्ड एक में सांवरी बिजली कार्यालय एवं सब स्टेशन हैं लेकिन लोगों यहां पीने का पानी नहीं मिला रहा है तो कार्यालयों की बात ही अलग है।
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