छिंदवाड़ा. वृंदावन राधा रानी का हृदय है। ब्रजभूमि में प्रवेश करते ही प्रेम की अनुभूमि होने लगती है। बिना योग जप-तप के आत्मा में दिव्य अनुभूति यहां होती है। यह बात नागेंद्र ब्रह्मचारी ने रविवार को कही। शहर के अनगढ़ हनुमान मंदिर में चल रही कृष्ण कथा में उन्होंने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि जिस समय लक्ष्मीजी को पता चला कि नारायण कृष्णावतार लेकर ब्रज में अनेक प्रकार की लीला करेंगे। राधाजी ने कृष्ण को कष्ट न हो इसके लिए चौरासी कोस का अपना हृदय बनाकर फैला दिया। श्रीकृष्ण नंगे पैर गाय चराने जाते थे। आज भी वृंदावन के निधि वन में राधा कृष्ण की नित्य रासलीला होती है। ब्रजभूमि में देवता राधारानी की चरण रज से कृतार्थ होते हैं। कंस वध की कथा भी उन्होंने सुनाई। कथा में संत तुकाराम, नामदेव और एकनाथ चरित्र भी उन्होंने सुनाए। सोमवार को रुक्मिणी विवाह की कथा सुनाई जाएगी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंच रहे हैं।