छह हजार रुपए लाभ का बजट
वार्षिक बजट नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 97 के अंतर्गत शासनादेश के परिपेक्ष्य में लेखा कोड एवं फंक्शन कोड के आधार पर छह हजार रुपए लाभ का बजट तैयार किया गया है। निगम के आय व व्यय को राजस्व आय-राजस्व व्यय, पूंजीगत आय-पूंजीगत व्यय में विभक्त किया गया है। बजट के विभिन्न मदों को त्रैमासिक आधार पर आय-व्यय को आवंटित, प्रस्तावित किया गया है। उसी सीमा में आय-व्यय किया जा सकेगा, परंतु आवश्यकता पडऩे पर आयुक्त अथवा उनके द्वारा प्रत्योजित प्राधिकृत अधिकारी इस त्रैमासिक व्यय करने की सीमा को परिवर्तित कर सकेंगे। यह बजट राजस्व आय एवं पूंजीगत आय कुल 203 करोड़ 27 लाख 74 हजार रुपए तथा कुल राजस्व एवं पूंजीगत व्यय 203 करोड़ 27 लाख 68 हजार रुपए का तैयार किया गया। निगम के अधिकारी, कर्मचारियों को वेतन भुगतान एवं समय-समय पर शासन द्वारा स्वीकृत एवं देय वेतन भत्तों का भी बजट में प्रावधान किया गया है। शहर के तिराहों एवं चौराहों के सौन्दर्यीकरण के साथ ही महापुरुषों की प्रतिमा स्थापना का कार्य भी निगम द्वारा किए जाने का प्रावधान बजट में रखा गया है।
कलेक्ट्रेट सभागार में पेश हुआ बजट: राज्य शासन द्वारा नई परिषद द्वारा कार्यभार ग्रहण करने तक समस्त
शक्तियों के निर्वहन करने के लिए कलेक्टर छिंदवाड़ा को प्रशासक नियुक्त किया गया है। इस कारण नए सत्र का बजट कलेक्टर एवं निगम प्रशासक सौरभ कुमार सुमन कलेक्टर एवं निगम आयुक्त हिमंाश्ुा सिंह के समक्ष कलेक्ट्रेट सभागार में लेखाधिकारी प्रमोद जोशी द्वारा तैयार कर प्रस्तुत किया गया। अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत बजट का अवलोकन करने उपरांत एतद द्वारा संकल्प पारित करते हुए प्रस्तुत वास्तविक बजट पारित किया गया है।
जलकर बढ़ाने से उपभोक्ता के बजट पर पड़ेगा असर
नगर निगम ने बजट में भले ही उपभोक्ता प्रभार के रूप में जलकर डेढ़ सौ रुपए की जगह 175 कर दिया हो, लेकिन इसका निगम की आमदनी पर कुछ खास असर नही पड़ेगा। अलबत्ता आम उपभोक्ताओं की जेब में जरूर प्रभाव दिखने लगेगा। उल्लेखनीय है कि शहर में करीब 33, 000 नल कनेक्शन हैं जिनसे करीब 50 लाख रुपए की आय निगम को होती है। 25 रुपए और बढ़ाने पर यह राशि करीब 58 लाख रुपए मासिक पहुंच जाएगी।