छिंदवाड़ा/ शहरी और ग्रामीण विकास के प्रस्ताव पिछले नौ माह से फाइलों में बंद पड़े हैं। अभी तक जनभागीदारी निधि का बजट नहीं आया है। इसको लेकर जनप्रतिनिधि कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 के समापन के दो माह शेष होने पर उन्हें बेसब्री से इस बजट का इंतजार है। जिला योजना कार्यालय के मुताबिक सामान्य क्षेत्र में सडक़, नाली, बाउंड्रीवॉल के लिए सरकार 50 फीसदी बजट देती है जबकि संस्थाओं को इतना ही राशि देनी पड़ती है। जबकि अनुसूचित जाति-जनजाति क्षेत्र में यह अनुपात 75 और 25 प्रतिशत का है। इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत अप्रैल से जनवरी के बीच इस जनभागीदारी मद में राशि नहीं दी गई है। करीब छह करोड़ रुपए से अधिक प्रस्ताव लम्बित पड़े हैं। इस सम्बंध में जानकारी मांगे जाने पर जिला योजना अधिकारी यशवंत वैद्य का कहना है कि जनभागीदारी बजट जैसे ही आएगा, प्रस्तावों के अनुसार आवंटन किया जाएगा। फिलहाल इसका इंतजार बना हुआ है।