दिनभर लगा रहा मेला
आयोजन स्थल पर सुबह से ही चहल-पहल शुरू हो गई थी। दोपहर तक तो मेला यहां लग चुका था। खिलौनों की दुकानों के साथ झूले और अन्य मनोरंजन की चीजें यहां बच्चों के लिए थी। मेला खत्म होने के बाद भी देर शाम तक यहां पर लोगों का आना शुरू रहा।
विभागों की प्रदर्शनी
इस मौके पर हर वर्ष की तरह विभागीय प्रदर्शनी भी लगाई गई। पशु चिकित्सा विभाग, उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग और अनुसंधान केंद्र की तरफ से यहां पंडाल लगाए गए थे। जहां शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी किसानों को दी गई। इसके साथ ही कृषि उपकरण दवाइयों के बारे में भी किसानों को बताया गया। विभिन्न विभागों की तरफ से पशुपालकों को नि:शुल्क दवा और सामग्री दी गई।
किसी के सींग रंगबिरंगी रंगे थे तो किसी जोड़ी का पूरा शरीर ही रंग दिया गया था। कोई आकर्षक परिधान ओढ़े हुए थे तो किसी के पैरों में घुंघरू की आवाज मधुर लग रही थी। नई रस्सियों में बंधें बैल इठलाकर चल रहे थे। शरीर पर अलग-अलग तरह के रंग और चिन्ह उकेरे बैलों को देखने बच्चों के साथ बड़ों में भी उत्साह देखा गया। हष्टपुष्ट बैल जोडि़यों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार में ३१०० रुपए नकद और शील्ड, द्वितीय पुरस्कार २१०० रुपए और शील्ड तथा तृतीय पुरस्कार में ११०० रुपए के साथ शील्ड दी गई। इसके साथ ही सभी को प्रशस्ति पत्र भी समिति की तरफ से दिया गया।
आयोजन स्थल पर सुबह से ही चहल-पहल शुरू हो गई थी। दोपहर तक तो मेला यहां लग चुका था। खिलौनों की दुकानों के साथ झूले और अन्य मनोरंजन की चीजें यहां बच्चों के लिए थी। मेला खत्म होने के बाद भी देर शाम तक यहां पर लोगों का आना शुरू रहा।
विभागों की प्रदर्शनी
इस मौके पर हर वर्ष की तरह विभागीय प्रदर्शनी भी लगाई गई। पशु चिकित्सा विभाग, उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग और अनुसंधान केंद्र की तरफ से यहां पंडाल लगाए गए थे। जहां शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी किसानों को दी गई। इसके साथ ही कृषि उपकरण दवाइयों के बारे में भी किसानों को बताया गया। विभिन्न विभागों की तरफ से पशुपालकों को नि:शुल्क दवा और सामग्री दी गई।
किसी के सींग रंगबिरंगी रंगे थे तो किसी जोड़ी का पूरा शरीर ही रंग दिया गया था। कोई आकर्षक परिधान ओढ़े हुए थे तो किसी के पैरों में घुंघरू की आवाज मधुर लग रही थी। नई रस्सियों में बंधें बैल इठलाकर चल रहे थे। शरीर पर अलग-अलग तरह के रंग और चिन्ह उकेरे बैलों को देखने बच्चों के साथ बड़ों में भी उत्साह देखा गया। हष्टपुष्ट बैल जोडि़यों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार में ३१०० रुपए नकद और शील्ड, द्वितीय पुरस्कार २१०० रुपए और शील्ड तथा तृतीय पुरस्कार में ११०० रुपए के साथ शील्ड दी गई। इसके साथ ही सभी को प्रशस्ति पत्र भी समिति की तरफ से दिया गया।