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शिवराज की यह योजना कमलनाथ के दौर में तोड़ रही दम, अधिकारी अटका रहे रोड़ा

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 25, 2019 11:29:43 am

Submitted by:

prabha shankar

ऑपरेटर जबलपुर-भोपाल की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिल रही

kamal nath

Buses can not get permit

छिंदवाड़ा. शिवराज सरकार के समय आवंटित 16 सूत्र बसों के परमिट के लिए ऑपरेटर जबलपुर-भोपाल की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है। आश्चर्यजनक यह है कि इन बसों का लोकार्पण सीएम कमलनाथ 28 फरवरी को मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम में कर चुके हैं, बावजूद इसके उनके अधीनस्थ अधिकारी उनके गृह जिले की बसों में रोड़ा अटका रहे हैं।
इधर, बसों का संचालन शुरू न होने से नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों का सिरदर्द बना हुआ है तो वहीं यात्री भी बेसब्री से इन बसों के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
यह सर्वज्ञात है कि पिछले साल 2018 के सितम्बर माह में राज्य शासन द्वारा नगर निगम को 16 नई सूत्र सेवा बसें दी गई थीं। इनमें दो बस बालाघाट, एक कटंगी, दो मंडला, दो डिंडोरी, चार जबलपुर, दो सारणी और दो उदयपुरा रूट के लिए प्रस्तावित थीं। इसके परमिट के आवेदन नगर निगम द्वारा सम्भागीय परिवहन कार्यालय जबलपुर में किए गए थे।
पहले छह अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने से इसके परमिट का निर्णय नहीं हो पाया। फिर दिसम्बर में चुनाव परिणाम आने पर नई सरकार बनी तो जबलपुर आरटीओ में स्थायी अधिकारी न होने की समस्या बनी। इसके चलते परमिट की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। पिछले मार्च माह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले 28 फरवरी को मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन बसों का लोकार्पण किया। उस समय भी परमिट फाइनल न होने से बसों का संचालन नहीं हो सका। बीच में जरूर चौरागढ़ मेले और चुनाव के समय इन बसों को सडक़ पर देखा गया।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता को समाप्त हुए एक माह होने आ रहे हैं, लेकिन अभी तक इन बसों के परमिट जबलपुर आरटीओ से जारी नहीं किए गए हैं। इसकी फाइल को लेकर बस ऑपरेटर भोपाल-जबलपुर की दौड़ लगा रहे हैं।

विभाग को भेजी परमिट न मिलने की जानकारी
निगम के प्रभारी इंजीनियर आनंद अग्रवाल का कहना है कि 16 सूत्रों के परमिट न मिलने की जानकारी नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल को भेजी गई है। इसके साथ ही बस ऑपरेटर भोपाल और जबलपुर के परिवहन अधिकारियों के सम्पर्क में हंै। जल्द ही ये परमिट जारी होने की उम्मीद है। इधर, निगम सहायक आयुक्त शशिकपूर गढ़पाले ने भी यही उम्मीद है। उनका कहना है कि बस के परमिट के लिए निगम लगातार प्रयासरत है।

बस स्टैंड स्थल पर एडीएम ने दिए आदेश
सिटी बसों के लिए अभी तक बस स्टैण्ड फाइनल नहीं किया गया है। इससे इन बसों को किसी ऑपरेटर की निजी भूमि में रखना पड़ता है तो कहीं मैदान में जगह तलाशनी पड़ती है। खड़ी रखने पर इन बसों में जंग लगने लगा है। वहीं बस ऑपरेटर एजेंसी को टैक्स का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। पिछले मंगलवार को अपर कलेक्टर राजेश शाही ने अधिकारियों को इन बसों के स्टैण्ड का स्थल ढूंढने के लिए अधिकारियों को आदेशित किया था।

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