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ज्ञान से अज्ञान रूपी अंधकार दूर होता है

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 06, 2019 04:59:53 pm

Submitted by:

sunil lakhera

सिंगाजी महाराज की कथा का वर्णन

By ignorance dark darkness

ज्ञान से अज्ञान रूपी अंधकार दूर होता है

खैरवानी/हनोतिया. जुन्नारदेव विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरवानी में श्रीसंत सिंगाजी महाराज की पांच दिवसीय परचरी पुराण कथा के तीसरे दिवस की कथा में कथा व्यास सुधांशु महाराज ने संत सिंगाजी महाराज के जीवन चरित्र को विस्तार से समझाते हुए उनके द्वारा किए गए विभिन्न चमत्कारों का वर्णन किया। साथ ही गुरुदेव ने संत सिंगाजी महाराज की समाधि की कथा का वर्णन किया।
संत सिंगाजी महाराज ने समाधि लेने के पूर्व समस्त जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आवागमन मत कीजिए मन म्हारा आवागमन मत कीजिए इस प्रकार कहते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म बड़े ही भाग से प्राप्त होता है इसमें भगवान का भजन एवं भगवान का चिंतन आवश्यक है तथा मुक्ति की राह बिना गुरु के बात नहीं हो सकती।
संत सिंगाजी महाराज ने निर्गुण भक्ति धारा के अंतर्गत समझाते हुए कहा कि संसार में पाखंड को छोडक़र अंतर्मन से परमात्मा की भक्ति करें।संत सिंगाजी महाराज ने गुरु की आज्ञा के द्वारा संवत 1616 में जीवित समाधि ग्रहण की एवं अंतर ज्योत को परमपिता परमात्मा की अखंड ज्योति में सम्मिलित किया। जीवन में ज्योति का महत्व समझाते हुए कहा जिस प्रकार दीपक जलाने से सांसारिक अंधकार दूर होता है उसी प्रकार ज्ञानरूपी ज्योत जलाने से अंतरात्मा का अज्ञान रूपी अंधकार दूर होता है ।
संत सिंगाजी महाराज की पांच दिवसीय परचरी पुराण कथा में 5 दिनों तक अखंड ज्योति भी जलाई गई जिस में तीसरे दिवस की कथा में अखंड ज्योति से ज्योत को बाहर लाकर हलवे की प्रसादी पर ज्योत जलाकर महाप्रसादी का वितरण किया गया।
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