scriptपशु-पक्षी को दाना-पानी मुहैया कराने का अभियान | Campaign to provide birds with water | Patrika News

पशु-पक्षी को दाना-पानी मुहैया कराने का अभियान

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 28, 2019 11:42:37 am

Submitted by:

Rajendra Sharma

सजग स्व-साधना परिषद की पहल

Swarm of birds on the airport

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छिंदवाड़ा. सजग स्व-साधना एवं अखंड देश भक्ति-जन जागृति अभियान से जुड़े सदस्य गर्मी के दिनों में पशु-पक्षियों को दाना-पानी की व्यवस्था कराने अभियान चलाएंगे। संयोजक कृपाशंकर यादव के निर्देशन में सजग कार्यालय इएलसी हॉस्टल में भीषण गर्मी में पशु-पक्षी के लिए दाना-पानी प्रबंधन अभियान को सफल बनाने के लिए संगोष्ठी सुबह आठ से 10 बजे तक आयोजित की जाएगी। रविवार से ही यह अभियान का प्रारम्भ किया जाएगा।
संयोजक कृपाशंकर यादव ने बताया कि गर्मी में औसतन तापमान हर जगह 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया है। इस गर्मी में पशु पक्षियों के लिए भी दाना-पानी का प्रबंधन करना हमारा कर्तव्य है। गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगों का थोड़ा सा प्रयास घरों के आसपास उडऩे वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकता है। सुबह आंखें खुलने के साथ ही घरों के आस-पास गौरेया, मैना व अन्य पक्षियों की चहक सभी के मन को मोह लेती है।घरों के बाहर गौरेया बच्चों सहित बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है।
गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका ख्याल रखें। जिले में गर्मी बढऩे लगी है। आने वाले सप्ताह एवं मई-जून में और अधिक गर्मी होने की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। मवेशियों को भी भोजन और पानी की आवश्यकता होती है। गर्मी में पक्षियों के लिए भोजन की भी कमी रहती है। पक्षियों के भोजन कीड़े-मकोड़े गर्मियों में नमी वाले स्थानों में ही मिल पाते हैं। खुले मैदान में कीड़ों की संख्या कम हो जाती है, जिससे पक्षियों को भोजन खोजने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जंगलों में पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं, साथ ही जल स्रोत भी सूख जाते हैं। वहीं मवेशियों के लिए भी चारागाह के अलावा खेतों में पानी की समस्या होती है, इस वजह से पानी के साथ भोजन की भी कमी से मवेशियों को जूझना पड़ता है।
पशु चिकित्सकों से जानकारी प्राप्त की गई कि साल्ट और एनर्जी पक्षियों की किडनी के फंक्शन के लिए जरूरी है। इसकी पूर्ति खनिज-लवण युक्त पानी से हो सकती है। गर्मी में अपने घरों के बाहर, छतों पर पानी के बर्तन रखें और हो सके तो छतों पर पक्षियों के लिए छाया की व्यवस्था भी करें। पक्षियों के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा संतुलित रहे, इसके लिए पानी मे गुड़ की थोड़ी मात्रा मिलानी चाहिए। इससे गर्मी में तापमान से राहत मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती। वहीं मवेशियों के लिए भी कोटना अपने घरों के सामने रखना चाहिए जो वेस्ट वाटर घर से बाहर फेंका जाता है, वह कोटना में डाल दें तो मवेशियों को भी पानी मिल सकता है। ऐसे में लोगों को जहां जानवरों के लिए टंकी आदि में पानी भरकर रखने की व्यवस्था करनी चाहिए वहीं पक्षियों के लिए अपने-अपने घरों में जल पात्र टांगकर उनके लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके तहत सजग स्व साधना के सभी प्रभुप्रेमी एवं प्रकृति प्रेमीगध नगर में पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था रविवार से करेंगे। अपने-अपने घरों में पक्षियों के लिए जल पात्र टांगेेंगे।
इस अभियान के दौरान जिला छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को स्वविवेक से निष्पक्ष मतदान व योग्य प्रत्याशी को लोक सभा एवं विधानसभा के लिए मतदान के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
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