ग्रामीणों ने विधानसभा मीडिया प्रभारी राजेश नेमा को बताया गया कि पुल लगभग 40 से 45 वर्ष पुराना है जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है अब नए पुल का निर्माण कार्य होना अति आवश्यक है। समय के साथ-साथ इस मार्ग पर अब यातायात बढ़ गया है। शक्कर नदी के पुल की स्थिति को देखकर लग रहा है कि पुल पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
इस मार्ग से लगभग 70-80 गांव के लोग शासकीय एवं निजी कार्य हेतु हर्रई आवागमन करते हैं जिससे सभी छोटे बड़े सहित भारी वाहन इस पुल के ऊपर से गुजरते हैं बरसात के दिनों में पुल में हुए गड्ढ़ों में पानी भर जाता है जिससे दुर्घटना होने की अधिक आशंका होती है क्योंकि बरसात का पानी भर जाने से पुल के ऊपर बने गड्ढे दिखाई नहीं पड़ते जिससे कई दोपहिया वाहन एवं साइकिल सवार इस पुल पर गिर चुके हैं। बरसात के दिनों में अधिक बारिश हो जाने के कारण नदी पूर आ जाने से कई-कई घंटे मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। पुल क्षतिग्रस्त होने की स्थिति के कारण आवागमन करने वाले सभी वाहनों को कई कई घंटों तक रुकना पड़ता है ।
जल्द ही इस जर्जर पुल का मेंटेनेंस का कार्य नहीं हुआ तो दुर्घटनाओं में इजाफा होने से कोई नहीं रोक सकता। संबंधित विभाग का भी इस और कोई ध्यान नहीं है मेंटेनेंस के लिए संबंधित विभाग को राशि आवंटित की जाती है इसके बावजूद भी किसी भी प्रकार से इन जर्जर पुलों का का मेंटेनेंस नहीं होता और ना विभागीय अधिकारी कर्मचारी इन पुराने पुलों का सर्वे करते है। पुल पूरी तरह से जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है।