छिंदवाड़ा

बच्चों के साथ पटाखे फोडऩे से पहले पढ़ लें ये खबर

पटाखे फोड़ते समय बरतें सावधानी, बच्चों की सुरक्षा का रखें ध्यान

छिंदवाड़ाOct 19, 2017 / 02:08 pm

Rajendra Sharma

Beware of crackers and sellers

छिंदवाड़ा. दीपावाली पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर सावधानी रखना बहुत जरूरी है। शहर में कई तरह के चाइल्ड सेफ्टी के पटाखे उपलब्ध हैं। हम बच्चों के लिए ऐसे पटाखे खरीदें जो ज्यादा डेसीबल के न हों और छोटे स्तर के हों। क्योंकि शहर में इस दिन चारों तरफ रोशनी ही रोशनी होती है। बच्चे तो बच्चे हैं, बड़े भी इस दिन मस्ती और अतिशबाजी में खोए रहते हैं। पर इस अतिशबाजी के दौरान हम अपने बच्चों की केयर नहीं कर पाते और हमारी लापरवाही से कई बार बच्चे हादसे का शिकार हो जाते हैं।
पटाखे फोड़ते समय रखें सावधान

– बच्चों को कभी भी अकेले पटाखे न फोडऩे दें।
– पटाखे फोड़ते समय पानी की व्यवस्था रखें।
– बच्चों के लिए हमेशा कम क्षमता वाले ही पटाखे खरीदें।
– फुलझड़ी, चकरी, अनार जैसे ही आइटम बच्चों को दें।
– अनार को हमेशा जमीन पर रखकर ही जलाएं।
– रॉकेट को छोड़ते समय हमेशा उसका मुंह सीधे रखें।
– पटाखे के फीते में आग लगाने के बाद कुछ पटाखे नहीं फूटते। उन्हें दोबारा फोडऩे की कोशिश न करें।
– बच्चों पर नजर बनाए रखें।
– हाथ पर रखकर पटाखे कतई न फोड़ें।
– ढीले- ढाले व पॉलिस्टर के कपड़े का इस्तमाल न करें।
– जलने पर तुरंत साफ व ठंडे पानी से जले हुए स्थान को धो लें।
– हमेशा ईको फ्रेंडली पटाखे उपयोग करें।
आंखों को रोशनी व बारूद से बचाएं

अगर पटाखों से आंखों में चिंगारी चली जाए तो आंख को सादे पानी से धोएं और जल्द ही नजदीक के अस्पताल जाएं। आंखों को पटाखों की तेज रोशनी से बचाएं और चिंगारी या बारूद जाने पर आंखों को बिलकुल न मलें।
– डॉ. सुशील दुबे, आरएमओ, जिला अस्पताल
अमावस की रात विराजेंगी महाकाली

अमावस की रात को कोयलांचल में मां काली प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। नगर मे युवा शक्ति मां काली पूजा उत्सव समिति वार्ड क्रमांक 10-11, शिव मंदिर काली पूजा समिति, दक्षिणेश्वरी मां काली मंदिर वार्ड क्रमांक 7-8 में मूर्ति स्थापना की तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। युवा शक्ति मां काली पूजा उत्सव समिति के सदस्य विशाल नागनिंगम (अन्ना) एवं नीलेश सोनी ने बताया कि 20 अक्टूबर को जस गायन, 21 को श्रीमद भागवत् कथा का आयोजन एवं शतचण्डी महायज्ञ का आयोजन प्रतिमा परिसर मे किया जाएगा जो निरतंर सात दिवस तक आयोजित होगा। कार्यक्रम का समापन 27 अक्टूबर को पूर्ण आहूति व भंडारे के साथ किया जाएगा।
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