हालांकि कलावती बाई और दफेलाल की स्थिति सामान्य होने में थोड़ा समय लग सकता है। बता दें कि मोहखेड़ के ग्राम बीसापुर निवासी मुन्नालाल पिता घंसू चौरे का नागपुर में उपचार के बाद दिखना शुरू होने की सूचना पर सिम्स के डीन, बीएमओ तथ नेत्र रोग विशेषज्ञ के टीम ने बीसापुर जाकर मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया था।
वहीं शासन के निर्देश पर पीडि़तों के उच्चस्तरीय उपचार के लिए गुरुवार को भोपाल भेजा गया था। मामले में सिविल सर्जन डॉ. पी. गोगिया ने बताया कि भोपाल में भर्ती मरीजों में से रामरती को दिखाई देने पर उन्हें वापस लाया जा रहा है। इसके लिए एंबुलेंस भेजी गई है।
नहीं आई जबलपुर से जांच टीम – मुख्यमंत्री के गृह जिले में मोतियाबिंद ऑपरेशन की वजह से चार लोगों की आंखों की रोशनी जाने की खबर से स्वास्थ्य महकमे में हडक़म मच गया था। आनन-फानन में मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। वहीं संभागीय आयुक्त के निर्देश पर जबलपुर मेडिकल कॉलेज से नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम छिंदवाड़ा पहुंचने वाली थी। लेकिन अब तक जबलपुर से कोई भी जांच दल छिंदवाड़ा नहीं पहुंचा है।
भंडार कक्ष प्रभारी के दर्ज हुए बयान – सिविल सर्जन द्वारा गठित डॉक्टरों की टीम ने दूसरे दिन शनिवार को भी मोतियाबिंद ऑपरेशन मामले से जुड़े औषधि भंडार कक्ष प्रभारी मनीष दुबे से बयान लिए है। बता दें कि टीम ने पहले दिन डॉक्टर तथा स्टाफ नर्सों से चर्चा कर बयान ले चुकी है।