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बड़कुही अस्पताल बनेगा केंद्रीय चिकित्सालय

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 06, 2018 04:43:09 pm

Submitted by:

Prem Dehariya

प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान को दृष्टिगत रखते हुए तहसील स्तरीय अशासकीय शाला संघ अमरवाड़ा व हर्रई के शाला संचालकों ने सर्वसम्मति से एकमत होकर बुधवार को अपनी संस्थान प्राइवेट स्कूलों को बंद रखा।

Central Hospital to become Barakuhi Hospital

बड़कुही अस्पताल बनेगा केंद्रीय चिकित्सालय

अमरवाड़ा. प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान को दृष्टिगत रखते हुए तहसील स्तरीय अशासकीय शाला संघ अमरवाड़ा व हर्रई के शाला संचालकों ने सर्वसम्मति से एकमत होकर बुधवार को अपनी संस्थान प्राइवेट स्कूलों को बंद रखा। अशासकीय शाला संघ के अध्यक्ष जुगल किशोर जायसवाल ने बताया कि शासन द्वारा नित नए नियम शाला संचालन के लिए लागू किए जा रहे हैं। शासन से इस संबंध में बार बार निवेदन करने पर भी शासन द्वारा ***** समस्याओं का कोई हल नहीं निकला निकाल सका है। इसी तारतम में बुधवार को निजी स्कूल बंद रखे गए शासन द्वारा जो फीस अधिनियम प्रस्तावित है उनके अंतर्गत अभिभावकों को बच्चों को शिक्षण का अवरोध उत्पन्न होना स्वभाविक है। संचालकों ने शिक्षक दिवस का भी बहिष्कार किया।
इधर अमरवाड़ा प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान को दृष्टिगत रखते हुए तहसील स्तरीय अशासकीय शाला संघ अमरवाड़ा व हर्रई के शाला संचालकों ने सर्वसम्मति से एकमत होकर बुधवार को अपनी संस्थान प्राइवेट स्कूलों को बंद रखा। अशासकीय शाला संघ के अध्यक्ष जुगल किशोर जायसवाल ने बताया कि शासन द्वारा नित नए नियम शाला संचालन के लिए लागू किए जा रहे हैं। शासन से इस संबंध में बार बार निवेदन करने पर भी शासन द्वारा ***** समस्याओं का कोई हल नहीं निकला निकाल सका है। इसी तारतम में बुधवार को निजी स्कूल बंद रखे गए शासन द्वारा जो फीस अधिनियम प्रस्तावित है उनके अंतर्गत अभिभावकों को बच्चों को शिक्षण का अवरोध उत्पन्न होना स्वभाविक है। संचालकों ने शिक्षक दिवस का भी बहिष्कार किया।
वहीं सौंसर पांच सितंबर को प्रस्तावित प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत अशासकीय शाला संघ सौंसर द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों के संबंध में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी के समक्ष ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में बताया कि आरटीआई की गलत प्रवेश नीति एवं अन्य राज्यों की तुलना मे कम फीस प्रतिपूर्ति तथा वह भी 2-2 वर्ष के बाद भुगतान। हाइस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों की मान्यता के लिए एक एकड़ भूमि की बाध्यता एवं मान्यता संबंधी अव्यवहारिक नियम। मनमर्जी से प्राइवेट स्कूलों की मान्यता समाप्त करना। शासन के द्वारा निर्धारित स्कूलों में अत्यधिक वृद्धि किया जाना आदि समस्याओं का विरोध किया और बीआरसी एवं बीईओ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने दर्जनों अशासकीय शाला संस्थान के संचालक शामिल थे जिनमें जयंत गुरू, संजय हेडाऊ, हर्षल काले, आशीष जैस्वाल, चित्रसेन रबडे, अनिल ठाकरे, सरिता पांडे, नंदकिशोर बनाईत, डॉ. वनकर, सुभाष आमने, सदाशिव खंडाइत, राजेन्द्र निमकर, शीला ददघाये, रमेश करवंदे, मनोज भोयर आदि शामिल रहे। मोईनूदिन बक्शी, प्रभाकर वंजारी, मारोती बुले, बबन भोजने, निलेश ठाकरे, रवि कोठेकर आदी उपस्थित रहे ।

 

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