4 महीने नहीं है शादी की तिथि
देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को होने से चतुर्मास आरंभ हो जाने की वजह से 10 जुलाई से अगले 4 महीने तक शादी की कोई तिथि नहीं रहेगी, विवाह तिथि का आरंभ 4 नवंबर को हरिप्रबोधिनी एकादशी के दिन होगा।
देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को होने से चतुर्मास आरंभ हो जाने की वजह से 10 जुलाई से अगले 4 महीने तक शादी की कोई तिथि नहीं रहेगी, विवाह तिथि का आरंभ 4 नवंबर को हरिप्रबोधिनी एकादशी के दिन होगा।
चातुर्मास में तीर्थ यात्रा
चतुर्मास लग जाने पर ऐसा माना जाता है कि धरती पर मौजूद सभी तीर्थ व्रज भूमि में आकर कान्हा की सेवा करते हैं इसलिए चतुर्मास के दौरान सभी तीर्थों का पुण्य एक मात्र व्रज की यात्रा और दर्शन से मिल जाता है। इसलिए इस दौरान तीर्थयात्रा करना चाहते हैं तो व्रज भूमि की यात्रा करना उत्तम रहेगा।
मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत लाभकारी है। इससे मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस माह लोगों को किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए और झूठ नहीं बोलना चाहिए। चातुर्मास की अवधि के दौरान तुलसी पूजा करनी चाहिए। शाम को तुलसी पौधे पर घी दीपक जलाएं।
चतुर्मास लग जाने पर ऐसा माना जाता है कि धरती पर मौजूद सभी तीर्थ व्रज भूमि में आकर कान्हा की सेवा करते हैं इसलिए चतुर्मास के दौरान सभी तीर्थों का पुण्य एक मात्र व्रज की यात्रा और दर्शन से मिल जाता है। इसलिए इस दौरान तीर्थयात्रा करना चाहते हैं तो व्रज भूमि की यात्रा करना उत्तम रहेगा।
मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत लाभकारी है। इससे मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस माह लोगों को किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए और झूठ नहीं बोलना चाहिए। चातुर्मास की अवधि के दौरान तुलसी पूजा करनी चाहिए। शाम को तुलसी पौधे पर घी दीपक जलाएं।