भाजपा उम्मीदवार ने अलग-अलग वोट के दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए बताया कि मतदान केन्द्र के एजेंट को दिए गए फार्म 17 ए में वोटिंग के बाद कर्मचारियों ने 1004 वोट लिखकर दिया था। उसके बाद उन्होंने सुविधा पोर्टल पर दिए गए अधिकार के तहत इस मतदान केन्द्र के बूथ के वोट की जांच की तो कुल वोट 586 होना दर्शित हो रहा है। इसकी सर्टिफाइड कापी कलेक्टर से मांगी गई तो वह भी नहीं दी गई है। यह केवल एक बूथ के साथ नहीं बल्कि दूसरे बूथों में भी हो सकता है। साहू ने यह भी आरोप लगाया कि जैसे ही सुविधा पोर्टल से उन्होंने बूथ के वोट की जानकारी निकाली और शिकायत की तो पोर्टल को ब्लॉक कर दिया गया है। इससे कहीं न कहीं कोई फर्जीवाड़ा होने की आशंका है। इस संबंध में छिंदवाड़ा विधानसभा के रिटर्निंग ऑफीसर अनुराग सक्सेना से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई शिकायत अभी तक नहीं मिली है।
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सार्वजनिक नहीं किए गए बूथवार मतदान प्रतिशत आंकड़े
बीती 29 अप्रैल को हुए मतदान के आठ दिन बाद भी जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा अभी तक बूथवार मतदान प्रतिशत के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। यह आंकड़े अभी भी सुविधा पोर्टल में सहायक रिटर्निंग ऑफीसर के लॉगिन में कैद है। इस संबंध में पत्रिका ने रविवार के अंक में इस पर विस्तृत रिपोर्ट छापी थी। इसके बाद राष्ट्रीय आमजन पार्टी के उम्मीदवार एमपी विश्वकर्मा ने जिले के सहायक रिटर्निंग ऑफीसरों की शिकायत निर्वाचन आयोग से की थी। इसके बाद मंगलवार को भाजपा उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने सर्रा बूथ में मतों के अंतर का मामला सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि प्रशासन द्वारा उन्हें उम्मीदवार बतौर बूथवाइज मतदान प्रतिशत की सर्टिफाइड कापी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। इससे मतदान प्रतिशत का मामला संदिग्ध होता जा रहा है।