छिंदवाड़ाPublished: Jan 17, 2019 01:06:05 am
prabha shankar
सजग परिषद ने दिलाया मुख्यमंत्री का ध्यान: इमरजेंसी में नहीं मिलती मदद
Chhindwara District Hospital
छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल का गेट नम्बर एक बंद होने से गम्भीर मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है। इसका मुद्दा उठाते हुए सर्व जागृृति गण (सजग) परिषद के प्रधान संयोजक इंजी. कृपाशंकर यादव समेत अन्य ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर का ध्यान दिलाया और गेट खोलने की मांग की।
शिकायत में कहा गया कि विगत कई वर्ष से जिला अस्पताल का गेट नम्बर एक बंद कर दिया गया है। इस गेट से लगे हुए ओपीडी टिकट खिडक़ी एवं इमरजेंसी वार्ड भी हैं। गेट हमेशा बंद रहने की स्थिति में आने-जाने वाले मरीजों को उनके सहायकों, रिश्तेदार, शुभचिंतकों को दवाई व अन्य सामग्री लाने-ले-जाने में लगभग 300 से 400 कदम पैदल जाना-आना पड़ता है। आपात स्थिति में मरीजों को एडमिट कराने में भी जिला अस्पताल के गेट नम्बर दो से घूमकर गेट नम्बर एक पर आना पड़ता है। एक्सीडेंट, हार्टअटैक के मरीजों के लिए एक-एक पल अति महत्वपूर्ण होता है। इस गेट के बंद होने से कई मरीजों को मृत्यु का सामना करना पड़ता है। इसका उदाहरण स्व. प्रदीप सक्सेना का हैं, जिन्हें हृदयघात होने पर जिला अस्पताल लाया गया। इस आपात स्थिति में उन्हें भी जिला अस्पताल का गेट नम्बर एक के बंद रहने के कारण जिला अस्पताल का गेट नम्बर दो से लाया गया। मात्र उतनी देर विलम्ब से अप्रत्यक्ष रूप से मरीज को नुकसानदायक परिणाम भुगतना पड़ा। ऐसा ही कई मरीजों के साथ हो चुका होगा।
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बैस एवं इंजी. रोशनलाल माहोरे, शैलेन्द्र बिन्दवारी, राजेन्द्र चौधरी, राधेश्याम, प्रखर चौधरी, अशोक, मो. एजाज कुरैशी, पद्माकर अल्डक, राजू जोशी, शेख अनवर, मो. निसार कुरैशी आदि ने गेट खोलने की मांग की।
मंदिर और सुरक्षा की दृष्टि से बंद
सिविल सर्जन डॉ.सुशील राठी का कहना है कि पिछले कई वर्षों से जिला अस्पताल का गेट नम्बर एक बंद है। इसका
कारण अनगढ़ हनुमान मंदिर और अस्पताल की टै्रफिक सुरक्षा है। फिर भी हम इस पर विचार करेंगे।