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खुशखबर: छिंदवाड़ा मंडी ने फिर बना दिया रेकॉर्ड

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 27, 2019 01:09:15 am

Submitted by:

prabha shankar

पंजीयन कराने वाले किसान समितियों में न पहुंचकर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में गेहूं लेकर मंडी पहुंचे

Neemuch Krishi Mandi Letest News In Hindi

मंडी में सुरक्षित रहेंगे किसान के दस्तावेज

छिंदवाड़ा. मार्च से लेकर मई तक कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा में इस बार व्यापारियों ने रेकॉर्ड गेहूं की खरीदारी की। रेकॉर्ड इस स्तर पर कि समर्थन मूल्य पर सरकार को गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले किसान समितियों में न पहुंचकर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में गेहूं लेकर मंडी पहुंचे।
कृषि उपज मंडी के अनसार इस बार पंजीयन कराने वाले किसानों ने नौ लाख 38 हजार 149 क्विंटल गेहूं मंडी में व्यापारियों को खुली बोली में बेचा। सम्भाग की ए ग्रेड की छिंदवाड़ा मंडी में यूं तो साल भर गेहूं की आवक रहती है। मार्च से मई के बीच यहां छह से आठ लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो जाती है। मंडी में अमूमन वे किसान गेहूं लाते हैं जो समर्थन मूल्य पर समितियों के बेचने के लिए पंजीयन नहीं कराते, लेकिन इस बार पंजीयन कराने वाले किसान भी समितियों में न जाकर मंडियों में ही अपनी उपज लेकर पहुंचे। गैर पंजीकृत किसानों द्वारा बेचे गए गेहूं की मात्रा बड़ी मुश्किल से 50 हजार क्विंटल भी नहीं पहुंची। जिले की समितियों में तो मंडी का एक चौथाई मात्रा खरीदी भी नहीं हुई है।

ऐसा इस कारण से हुआ
यह पहली बार हुआ कि किसानों को मंडियों में गेहूं बेचने के बाद भी समर्थन मूल्य के साथ 160 रुपए प्रति क्विंटल देने का फैसला सरकार ने लिया। समर्थन मूल्य पर 1840 रुपए देने के साथ विशेष बोनस 160 रुपए के हिसाब से कुल 2000 रुपए प्रति क्विंटल किसानों को मिलना था। मंडियों में इस बार खुली नीलामी में शुरू से ही गेहूं के दाम चढ़े रहे। देखते-देखते दाम 1900 और फिर 1950 तक पहुंच गए। इसलिए किसानों ने मंडी में गेहूं बेचकर फायदा कमाया। सरकार तो दो हजार दे रही थी मंडी में बेचकर उन्हें 2100 रुपए से ज्यादा मिले। मई में खरीदी के आखिरी समय तो व्यापारियों ने किसानों को 2100 रुपए प्रति क्विंटल तक दाम दिए। इस बार गेहूं की फसल भी कम हुई है। कमी के कारण जितना भी गेहूं आया व्यापारियों ने भविष्य में दाम और बढऩे की आशा में खरीदी की। इसी होड़ में दाम बढ़े।

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