प्रश्न-विश्वविद्यालय को खुले लगभग तीन साल हो गए। अब तक क्या उपलब्धि रही?
उत्तर- संबद्धता, परीक्षा और परिणाम हम समय से दे रहे हैं। भ्रष्टाचार मुक्त हमारा विश्वविद्यालय है। डिजिटल प्रणाली अपनाई है। काफी कुछ उपलब्धि हासिल की है। सीमित संसाधन में काफी काम हुआ है। न्यूनतम मानव संसाधन, न्यूनतम उपलब्धता की मिशाल है आरएसएस विश्वविद्यालय।
उत्तर- संबद्धता, परीक्षा और परिणाम हम समय से दे रहे हैं। भ्रष्टाचार मुक्त हमारा विश्वविद्यालय है। डिजिटल प्रणाली अपनाई है। काफी कुछ उपलब्धि हासिल की है। सीमित संसाधन में काफी काम हुआ है। न्यूनतम मानव संसाधन, न्यूनतम उपलब्धता की मिशाल है आरएसएस विश्वविद्यालय।
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प्रश्न-विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की कमी है?
उत्तर-काफी कमी है। शासन की पहल की आवश्यकता है। राजभवन, उच्च शिक्षा विभाग से बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि इन बिन्दुओं पर कुछ किया जाए। विश्वविद्यालय से शोध की अपेक्षा की जाती है वह अभाव में पूरा होना संभव नहीं है।
प्रश्न-विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की कमी है?
उत्तर-काफी कमी है। शासन की पहल की आवश्यकता है। राजभवन, उच्च शिक्षा विभाग से बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि इन बिन्दुओं पर कुछ किया जाए। विश्वविद्यालय से शोध की अपेक्षा की जाती है वह अभाव में पूरा होना संभव नहीं है।
प्रश्न-आगे की क्या योजना है?
उत्तर- स्थानीय प्रशासन एवं स्थानीय नेतृत्व से अपेक्षा है। मैं बीते दिनों कलेक्टर से मुलाकात भी कर चुका हूं। रिसोर्स सेंटर डेवलपमेंट के लिए मैंने बात की है। छिंदवाड़ा में ऐसी जगह होनी चाहिए जहां पर एक साथ एक हजार लोग बैठकर डिजिटल टिचिंग एवं ट्रेनिंग ले सकेंगे। ऑनलाइन परीक्षा हो सके। ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ हम उठा सकें। यूजीसी ने पूरी सुविधा दे रखी है लेकिन हमें एक जगह चाहिए जहां से यह व्यवस्था कर सकें। इसके लिए हमने प्रशासन से चार से पांच एकड़ जमीन की आवश्यकता बताई है। अगर हमें साथ मिला तो हम बेहतर कर ले जाएंगे।
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प्रश्न-कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक का पद लंबे समय से रिक्त है?
उत्तर-बीते दिनों शासन ने कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक के पद के लिए साक्षात्कार लिया था। हालांकि अब तक उसका कोई परिणाम नहीं आया है।
प्रश्न-शासन लगातार विश्वविद्यालय की उपेक्षा कररहा है। इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर-शासन की अपनी सीमा है। उस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। मैं सकारात्मक दृष्टि से देखता हूं कि जल्द ही विश्वविद्यालय एवं छात्र हित में उच्च शिक्षा विभाग काम करेगा।
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प्रश्न-अंकपत्र, खिलाडिय़ों को प्रमाण पत्र नहीं मिले हैं। अन्य समस्याएं भी हैं।
उत्तर-काम करने के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय में काफी पद रिक्त है। न्यूनतम सुविधाओं में अधिकतम कार्य जितना हो सकता है उतना विश्वविद्यालय कर रहा है।
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प्रश्न-पीजीडीसीए की परीक्षा का मामला काफी दिन अटका रहा। अभी भी गल्र्स कॉलेज के छात्राओं की समस्या बनी हुई है?
उत्तर-विद्यार्थियों के हित में जो हो सकता है उस पर हम काम कर रहे हैं। कॉलेज का कोई भी प्रतिनिधि आकर मिल सकता है। जिन बिन्दु पर असमंजस है उसे दूर कर सकते हैं। बैठकर जो भी छात्रहित में सही होगा वह उच्च शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन लेकर दूर किया जाएगा।
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प्रश्न- आपकी छवि हिटलर की तरह बनती जा रही है। इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर-मैंने हमेशा छात्रहित की बात की है और आगे भी करता रहूंगा। मुझसे मिलने के लिए किसी को अनुमति लेने की जरूरत नहीं है वह सीधे हमारे ऑफिस में आकर मिल सकता है और उसे निदान मिलेगा।
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प्रश्न-बैतूल जिले के कॉलेज अलग हो गए?
उत्तर-शासन की तरफ से अभी कोई पत्र नहीं आया है।
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प्रश्न-कॉलेजों ने शोध केन्द्र के लिए आवेदन किया था। संबद्धता को लेकर भी समस्या है?
उत्तर-संबद्धता निरंतरता को लेकर कोई समस्या नहीं है। अगर किसी को है तो वह मुझसे मिल सकता है। जहां तक बात शोध केन्द्र की है तो कई कॉलेज ने लिख कर दिया है कि उनके पास अभी सुविधा नहीं है। जो कॉलेज हमें लिखकर देगा कि वह निरीक्षण के लिए तैयार है वहां हम टीम भेजेंगे।
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प्रश्न- शैक्षणिक स्तर पर क्या कहेंगे।
उत्तर-मूलभूत समस्या है। बीते दिनों नैक टीम आई थी। उस दौरान यह बात उठी। अगर हमारे कॉलेज के पास 800 विद्यार्थियों की बैठने की व्यवस्था है और हम 1200 विद्यार्थियों का दाखिला लेंगे तो पठन-पाठन प्रभावित होगा ही।
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प्रश्न-कहां सुधार की जरूरत है।
उत्तर- अगर हमें बड़े लक्ष्य को पाना है तो समर्पण जरूरी है। #students #chhindwarauniversity #HIGHEREDUCATION #chhindwarauniversity
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