आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे और इसी दौरान बजट की सारी प्रक्रिया पूरी हो गई और बहुमत से बजट पास भी हो गया।
शहर सरकार ने कुल २७ मिनट में हंगामे के बीच बजट पेश भी कर दिया, चर्चा भी कर ली और बहुमत से ०१ लाख १९ हजार ३२५ रुपए का लाभ का बजट पास भी करा लिया।
दोपहर एक बजे शुरू हुई बैठक डेढ़ बजे के पहले ही समाप्त हो गई। शहर सरकार, सभापति एवं भाजपा पार्षद सहित निगम के अधिकारी-कर्मचारी सभागार छोडक़र चले गए जबकि कांगे्रस पार्षद दल के सदस्य सभागार में ही मौजूद रहे।
नेता प्रतिपक्ष असगर वासू अली ने कि कहा कि हम तो चर्चा करना चाहते हैं पर वे ही बच रहे हैं।
सभापति विजय पांडेय ने बताया कि दो प्रस्ताव एजेंडे में शामिल थे। नियमानुसार सभी की उपस्थिति दर्ज होने के बाद बैठक प्रारम्भ होती है। जो प्रस्ताव हैं उन्हीं पर चर्चा होती है। लेकिन कांगे्रस पार्षदों ने अन्य बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए दस्तावेजों का पुलिंदा रख दिया। कांग्रेस अनर्गल आरोप लगा रही है।
पुलिस की मौजदूगी से परिषद की गरिमा तार-तार हुई है, जिसका उन्होंने विरोध दर्ज कराया कि भाजपा के १२ पार्षद बाहर हैं और पुलिस के जवान अंदर बैठे हैं।