बिछुआ में सिविल कोर्ट का शुभारंभ
छिंदवाड़ाPublished: Oct 26, 2021 05:34:18 pm
नए न्यायालय की स्थापना सिर्फ जनसंख्या के आधार पर नहीं होकर उसके लिए एक पैरामीटर होता है जिसमें भौगोलिक स्थिति के साथ वहां के प्रकरणों की संख्या को आधार बनाया जाता है। 147 गांव वाले इस आदिवासी अंचल में समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को न्याय दिलाना ही न्यायालय का मुख्य उद्देश्य है। ये विचार जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बीपी शर्मा ने सोमवार को व्यवहार न्यायालय बिछुआ के शुभांरभ अवसर पर व्यक्त किए ।
छिन्दवाड़ा/ बिछुआ. नए न्यायालय की स्थापना सिर्फ जनसंख्या के आधार पर नहीं होकर उसके लिए एक पैरामीटर होता है जिसमें भौगोलिक स्थिति के साथ वहां के प्रकरणों की संख्या को आधार बनाया जाता है। 147 गांव वाले इस आदिवासी अंचल में समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को न्याय दिलाना ही न्यायालय का मुख्य उद्देश्य है। ये विचार जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बीपी शर्मा ने सोमवार को व्यवहार न्यायालय बिछुआ के शुभांरभ अवसर पर व्यक्त किए । शर्मा ने अधिवक्ताओं से कहा कि वह अपने वरिष्ठों से मार्गदर्शन लेकर समय के साथ चलते हुए खुद को अपग्रेड करें। समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को न्याय दिलाए। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता भजनलाल चोपडे न्यायालय खोलने के लिये स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए प्रयासों और प्रधान न्यायधीश शर्मा के योगदान के बारे में बताया। चोपडे परिवार ने दी दो एकड जमीन: व्यवहार न्यायालय बिछुआ के भवन निर्माण के लिए अधिवक्ता महिपाल चोपडे एवं पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष दीपिका चोपडे ने 2 एकड जमीन दान दी है। दान प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृति के साथ ही भवन निर्माण प्रारंभ होगा।