scriptस्वच्छता प्रतिस्पर्धा समाप्त होते ही सफाई भूला प्रशासन | Cleanliness Competition as soon as the competition ends | Patrika News

स्वच्छता प्रतिस्पर्धा समाप्त होते ही सफाई भूला प्रशासन

locationछिंदवाड़ाPublished: Mar 20, 2018 11:51:21 am

Submitted by:

mantosh singh

जेल बगीचा के मैदान को बना दिया कचरे और कबाड़ का ठिकाना
कलेक्ट्रेट के पब्लिक शौचालय में गंदगी, पान की पीक से लाल हैं दीवारें

nagar nigam news
छिंदवाड़ा. पिछले माह स्वच्छता प्रतिस्पर्धा के लिए कार्वी टीम द्वारा सर्वेक्षण के एक माह बीतते-बीतते सफाई को प्रशासन ने भुला दिया है। शहर के कई छोटे बड़े डस्टबिन से कचरा खाली करके परिवहन नहीं किया जा रहा है। वहीं जेल बगीचा मैदान को कचरे और कबाड़ का ठिकाना बना दिया गया है। हरे डस्टबिन में भरे हुए पॉलीथीन के बीच मवेशी भोजन तलाशा रहे हैं। मैदान में करीब दर्जन भर बड़े कंटेनर कबाड़ की तरह रखे हुए हैं। यहां की स्थिति सफाई के प्रति नगरनिगम की गम्भीरता बयां कर रही है। एेसा ही हाल कलेक्टर कार्यालय के पब्लिक शौचालयों का है। इसमें पान की पीक से हर हिस्सा रंगा हुआ है। द्वारा पर लगे चैनल, सीढि़यों के कोने-कोने दागदार हैं। शौचालय साफ रखने के निर्देश हैं फिर भी बॉश बेसिन से लेकर फर्श तक लाल पीले दागों को समेटे हुए है।
मंगलवार को आएंगे चीफ इंजीनियर
पीएम आवास योजना के कामों की प्रगति रिपोर्ट देखने भोपाल से चीफ इंजीनियर मंगलवार को छिंदवाड़ा पहुंचेंगे। अधिकारियों ने बताया कि चीफ इंजीनियर गुप्ता एक दिन के लिए छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं। वे नगर निगम से जुड़े किसी भी काम की रिपोर्ट मांग सकते हंै। हालांकि मुख्य रूप से वे पीएम आवास से जुड़े रिकॉर्ड तलब करेंगे। बता दें कि पीएम आवास योजना के अंतर्गत एएचपी, एलआईजी सहित बीएलसी के काम शाामिल हैं। ११३१ ईडब्यूएस और ३०० बीएलसी आवास के काम लेकर निगम रिकॉर्ड दुरुस्त कर रहा है।
प्लाई के टुकड़ो को बनाया कैनवास

चित्रकार धु्रव ने फर्नीचर बनाने से बचे टुकड़ों उपयोग इतने सुंदर ढंग से किया है। उन्होंने करीब दो सौ से अधिक चित्र तैयार किए हैं। ध्रुव ने बताया कि घर एवं दोस्तों के यहां बनने वाले फर्नीचर से बचे प्लाई के छोटे- छोटे टुकड़े उनके लिए कैनवास बन गए। उनके चित्रों के भाव वैसे ही उभर कर आए हैं जैसे एक सामान्य कैनवास में आते हैं। अपने चालीस से अधिक चित्रों को प्रदर्शनी में रखने के लिए उन्होंने खुद ही तीन दिनों में लकड़ी की बीट से छोटे छोटे स्टैंड तैयार किए। उन्होंने बताया कि सभी चित्र पिछले दो साल में बनाए हैं।
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