छिंदवाड़ाPublished: Sep 10, 2020 05:31:35 pm
prabha shankar
बाढ़ प्रभावितों को अब भी आस, भाजपा नेता आने का दिला रहे भरोसा
Shivraj Sarkar: The previous government’s dispute did not stop
छिंदवाड़ा/ चौरई के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित खैरघाट,बंधी समेत 10 गांवों के पीडि़त किसानों को अब भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आने की आस है। अब तक सीएम तीन बार अपना दौरा निरस्त कर चुके हैं। इन गांवों में मकान, पशुधन के साथ फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों के रहने और भोजन के इंतजाम कर दिए हैं। ग्रामीणजन सीएम का विशेष मुआवजा पैकेज के लिए इंतजार कर रहे हैं। भाजपा नेता भी उन्हें यहीं भरोसा भी दिला रहे हैं।
बीती 27 अगस्त की बारिश से पेंच नदी में आई बाढ़ से चौरई क्षेत्र के ग्राम कौआखेड़ा, बेलगांव, नोनीबर्रा, खैरघाट, रामपुरी टोला, चांद और बांसखेड़ा समेत अन्य में 742 मकान पूर्णत: धराशायी हो गए और एक हजार से ज्यादा पशु पानी में बह गए। इससे करीब पांच हजार लोग बेघर हो गए। इसके अलावा पुल-पुलिया समेत अन्य सम्पत्तियों को अलग नुकसान पहुंचा। मक्का और सोयाबीन फसल का नामोनिशान नहीं रहा। प्रशासन ने पीडि़तों के लिए तीन माह तक रहने,खाने, कपड़े समेत अन्य रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति के इंतजाम कर दिए। मक्का और सोयाबीन फसल में हुई क्षति का सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
इन तबाही से प्रभावित किसानों से बातचीत के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचने वाले थे। तीन बार भोपाल के मैसेज पर आमगांव में हैलीपेड के इंतजाम किए गए। ऐनवक्त पर सीएम का दौरा निरस्त हो गया। इसके बावजूद खैरघाट और बंधी के किसानों को आशा है कि सीएम उनके गांव जरूर आएंगे। चौरई के पूर्व विधायक पं. रमेश दुबे सीएम को बुलाने के लिए लगातार सीएम हाउस में फोन कर रहे हैं।
उनका कहना है कि सीएम ने उन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आने का आश्वासन दिया है। एक सप्ताह में उनके आने की सम्भावना है।
इंटकवेल की जांच हवा तो बड़ा पुल का हिस्सा क्षतिग्रस्त
छिंदवाड़ा ञ्च पत्रिका. 27 अगस्त को भारी बारिश के दौरान पेंच नदी में आई बाढ़ से झिलमिली के समीप छोटा पुल पर बना इंटकवेल ध्वस्त हो गया तो वहीं बड़ा पुल का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। इस हिस्से को छिंदवाड़ा से सिवनी जाते समय देखा जा सकता है। इन दो घटनाओं में एक में पीएचई और नगर पालिका चौरई द्वारा पुराने इंटकवेल को साफ करते हुए चौरई नगर की पेयजल आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है, लेकिन नए इंटकवेल को बनाने वाली एजेंसी पर कार्यवाही नहीं हो सकी है जबकि इसका निरीक्षण जबलपुर से आए अधीक्षण यंत्री द्वारा भी किया जा चुका है। दूसरी घटना की सुधि अब तक नेशनल हाइवे प्राधिकरण द्वारा नहीं ली गई है। इस मार्ग पर पुल के पास रात्रिकालीन समय में दुर्घटना की आशंका है।