वेकोलि का ये है कोयला ग्रेड का दावा
खनिज विभाग के मुताबिक पेंच एरिया में जी-९ और १२ तथा कन्हान में जी-७, जी-१२, वॉशरी समेत अन्य कोयला का उत्पादन होता है। ग्रेड के आधार पर ही कोयले की दरें तय होती हंै। इन दरों के हिसाब से वेकोलि रॉयल्टी का भुगतान खनिज विभाग को करती आई है। छिंदवाड़ा जिले की खदानों से राज्य शासन को हर साल करीब ९० करोड़ रुपए की रॉयल्टी प्राप्त होती है। बताते हैं कि कोयले के ग्रेड को कम बताकर रॉयल्टी में कमी की शिकायतें खनिज विभाग को मिलती रहीं हैं। इसके आधार पर विभाग ने वेकोलि पर शिकंजा कसना शुरू किया है। इसके पहले खनिज और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने पर्यावरण नियमों समेत अन्य मामले में निरीक्षण कर नोटिस जारी
किया था।