तेज रफ्तार में निकलते है वाहन मोठार निवासी रतन सूर्यवंशी ने बताया कि सप्ताह में किसी भी दिन तीन से चार गाडि़यों का काफिला तेज रफ्तार में निकलता है। इनमें कोयला भरा होता है। इन चौपहिया वाहनों के सामने दो से तीन दोपहिया दौड़ती हैं जो आगे की स्थिति साफ होने की सूचना कोयले से लदे वाहन के चालकों देती है। आमतौर पर रात्रि में तीन से सुबह पांच बजे के बीच कोयले की तस्करी होती है। शहर से लगे क्षेत्रों में स्टॉक कर अगले दिन ऑर्डर पर कोयला सप्लाई किया जाता है। सबसे ज्यादा सप्लाई देहात थाना क्षेत्र के गांगीवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में संचालित सैकड़ों ईंट भट्टों में होता है। इनकी बिक्री 15000 रुपए प्रति ट्रॉली के हिसाब से की जाती है।