पत्रिका कई बार उठा चुकी है मुद्दा
विगत कुछ वर्षों से शहर के पीजी कॉलेज, राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज सहित अंचल के कुछ कॉलेजों में शिक्षक एवं कक्षाएं सीमित होने के बावजूद भी निर्धारित सीट से 25 से 30 प्रतिशत तक अधिक विद्यार्थियों को दाखिला दे दिया गया। कुछ संकाय में तो 50 प्रतिशत तक सीट वृद्धि की गई। ऐसे कॉलेजों में एक सेक्शन में तीन सौ से लेकर चार सौ विद्यार्थी हैं। जबकि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार एक सेक्शन में 80 विद्यार्थी होने चाहिए। कई बार ऐसी स्थिति बनी जब विद्यार्थी खड़े होकर कक्षा में अध्ययन करते देखे गए। पत्रिका ने कई बार इस मुद्दे को उठाया। परिणाम यह रहा कि इस बार उच्च शिक्षा विभाग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने सभी शासकीय कॉलेजों से इस बार कितनी सीट कम की जा सकती है इस संबंध में जानकारी भी मांगी है।
विगत कुछ वर्षों से शहर के पीजी कॉलेज, राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज सहित अंचल के कुछ कॉलेजों में शिक्षक एवं कक्षाएं सीमित होने के बावजूद भी निर्धारित सीट से 25 से 30 प्रतिशत तक अधिक विद्यार्थियों को दाखिला दे दिया गया। कुछ संकाय में तो 50 प्रतिशत तक सीट वृद्धि की गई। ऐसे कॉलेजों में एक सेक्शन में तीन सौ से लेकर चार सौ विद्यार्थी हैं। जबकि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार एक सेक्शन में 80 विद्यार्थी होने चाहिए। कई बार ऐसी स्थिति बनी जब विद्यार्थी खड़े होकर कक्षा में अध्ययन करते देखे गए। पत्रिका ने कई बार इस मुद्दे को उठाया। परिणाम यह रहा कि इस बार उच्च शिक्षा विभाग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने सभी शासकीय कॉलेजों से इस बार कितनी सीट कम की जा सकती है इस संबंध में जानकारी भी मांगी है।
भेज दी है जानकारी
उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार क्षमता के अनुसार ही दाखिला देने के लिए कहा है। इस बार कितनी सीट कम करनी है इसकी भी जानकारी मांगी है। जानकारी भेज दी गई है।
डॉ. अमिताभ पांडे, प्राचार्य, पीजी कॉलेज
उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार क्षमता के अनुसार ही दाखिला देने के लिए कहा है। इस बार कितनी सीट कम करनी है इसकी भी जानकारी मांगी है। जानकारी भेज दी गई है।
डॉ. अमिताभ पांडे, प्राचार्य, पीजी कॉलेज