तो होंगे परीक्षा से वंचित
विश्वविद्यालय की अधिसूचना के अनुसार अगर विद्यार्थी निर्धारित विषय ग्रुप में और समय-सीमा में नामांकन नहीं करते हैं तो उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। ऐसे में अगर विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कोई नया निर्देश जारी नहीं किया तो विद्यार्थियों को पूर्व निर्देश के अनुसार ही चलना होगा।
विश्वविद्यालय की अधिसूचना के अनुसार अगर विद्यार्थी निर्धारित विषय ग्रुप में और समय-सीमा में नामांकन नहीं करते हैं तो उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। ऐसे में अगर विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कोई नया निर्देश जारी नहीं किया तो विद्यार्थियों को पूर्व निर्देश के अनुसार ही चलना होगा।
विवि माना तो अगले साल भी देना होगा मौका
जिले के ज्यादातर निजी कॉलेज संचालकों ने पूर्व के विषय समूह के अनुसार वर्ष २०१९-२० सत्र के लिए उच्च शिक्षा विभाग से विषय समूह की सम्बद्धता निरंतरता सम्बंधी आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर ली है। कॉलेज संचालकों का कहना है कि विभाग ने विषय समूह की निरंतरता एवं नए पाठ्यक्रम की सम्बद्धता के लिए बिना विलम्ब शुल्क के साथ ३० अक्टूबर अंतिम तिथि जारी की थी, जबकि रादुविवि ने दो नवम्बर को विषय समूह सम्बंधी अधिसूचना जारी की। ऐसे में अगर विवि निजी कॉलेजों की बात मान गया तो उसे अगले वर्ष भी स्नातक प्रथम वर्ष में पुराने विषय ग्रुप के अनुसार विद्यार्थियों का नामांकन करना होगा।
एक हजार विद्यार्थी हो रहे प्रभावित
रादुविवि ने जिले के लगभग एक हजार विद्यार्थियों को विषय बदलने के लिए एसएमएस किया है। इसमें गल्र्स कॉलेज में अध्यनरत बीएससी प्रथम वर्ष बायो ग्रुप की १८२ छात्रा सहित जिले के अन्य कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हैं। शासकीय कॉलेजों में विद्यार्थियों के पास विकल्प मौजूद है, लेकिन अगर विवि अपने निर्णय नहीं बदलता है तो प्राइवेट कॉलेज के विद्यार्थियों का एक वर्ष खराब होगा।
रादुविवि ने जिले के लगभग एक हजार विद्यार्थियों को विषय बदलने के लिए एसएमएस किया है। इसमें गल्र्स कॉलेज में अध्यनरत बीएससी प्रथम वर्ष बायो ग्रुप की १८२ छात्रा सहित जिले के अन्य कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हैं। शासकीय कॉलेजों में विद्यार्थियों के पास विकल्प मौजूद है, लेकिन अगर विवि अपने निर्णय नहीं बदलता है तो प्राइवेट कॉलेज के विद्यार्थियों का एक वर्ष खराब होगा।
बंद हो जाएंगे निजी कॉलेज
दरअसल रादुविवि ने जो विषय समूह निर्धारित किया है उसमें अधिकतर विषय की सम्बद्धता निजी कॉलेजों के पास नहीं हैं। नए विषय के लिए कॉलेजों को उच्च शिक्षा विभाग में आवेदन करना होगा। जबकि कॉलेजों ने अगले साल के लिए सम्बद्धता निरंतरता प्रक्रिया के लिए आवेदन कर दिया है। निजी कॉलेजों के अनुसार यह स्थिति विवि द्वारा देरी से अधिसूचना जारी करने से बनी। अगर रादुविश्वविद्यालय कॉलेजों की बात नहीं मानता है तो लगभग एक हजार विद्यार्थी परीक्षा से वंचित होंगे। वहीं अगले साल निजी कॉलेज नए विषय की सम्बद्धता न होने की स्थिति में विद्यार्थियों का दाखिला भी नहीं ले पाएंगे। निजी कॉलेज संचालकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में उन्हें कॉलेज बंद करना होगा।
दरअसल रादुविवि ने जो विषय समूह निर्धारित किया है उसमें अधिकतर विषय की सम्बद्धता निजी कॉलेजों के पास नहीं हैं। नए विषय के लिए कॉलेजों को उच्च शिक्षा विभाग में आवेदन करना होगा। जबकि कॉलेजों ने अगले साल के लिए सम्बद्धता निरंतरता प्रक्रिया के लिए आवेदन कर दिया है। निजी कॉलेजों के अनुसार यह स्थिति विवि द्वारा देरी से अधिसूचना जारी करने से बनी। अगर रादुविश्वविद्यालय कॉलेजों की बात नहीं मानता है तो लगभग एक हजार विद्यार्थी परीक्षा से वंचित होंगे। वहीं अगले साल निजी कॉलेज नए विषय की सम्बद्धता न होने की स्थिति में विद्यार्थियों का दाखिला भी नहीं ले पाएंगे। निजी कॉलेज संचालकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में उन्हें कॉलेज बंद करना होगा।
आज होगी स्थिति स्पष्ट
छिंदवाड़ा जिले के लीड कॉलेज प्राचार्य डॉ. यूके जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार ही नामांकन करना है। सोमवार को निजी कॉलेज संचालक एडी से मिलने गए थे वहां क्या निर्णय हुआ इस सम्बंध में स्थिति मंगलवार को ही स्पष्ट हो पाएगी।
छिंदवाड़ा जिले के लीड कॉलेज प्राचार्य डॉ. यूके जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार ही नामांकन करना है। सोमवार को निजी कॉलेज संचालक एडी से मिलने गए थे वहां क्या निर्णय हुआ इस सम्बंध में स्थिति मंगलवार को ही स्पष्ट हो पाएगी।