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harticulture:ये नए विषय पढ़ेंगे जिले में महाविद्यालय के विद्यार्थी

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 18, 2019 11:34:09 am

Submitted by:

sandeep chawrey

उद्यानिकी को बढ़ावा देने एक्सीलेंस हार्डिकल्चर पर जोर

indo israel agriculture project

harticulture

छिंदवाड़ा. खेती में उद्यानिकी फसलों के जरिए भी आर्थिक रूप से लाभ की संभावनाएं ज्यादा तलाशने की कोशिश इन दिनों की जा रही है। प्रदेश सरकार का भी इस ओर विशेष ध्यान है। इसी के चलते अब उद्यानिकी महाविद्यालयों में उद्यानिकी की परंपरागत पढ़ाई के साथ एेसे विषयों का अध्ययन कराने और उसमें विद्यार्थियों को प्रावीण्य बनाने का उपाय सोचा जा रहा है ताकि इससे जुड़े विविध पहलुओं के बारे में विद्यार्थी समझ सकें और कालेज से निकलने के बाद वे न सिर्फ इस विषय से संबंधित फसलों के गुणवत्तायुक्त उत्पादन बल्कि उसके विपणन और अन्य जानकारियों के जरिए किसानों को आर्थिक लाभ के बारे में बता सकें। छिंदवाड़ा में इसी सत्र से शुरू हुए हार्डिकल्चर कालेज में इन विषयों को शामिल करने को लेकर गत दिनों विशेष बैठक भी हुई है। जल्द ही कुछ नए विषय यहां पाठ्यक्रम में जोड़े जा सकते हैं। इन विषयों को जोडऩे पर चर्चा
एक्सिलेंस हार्डिकल्चर की परिकल्पना को सामने रखते हुए महाविद्यालय स्तर पर चर्चाओं के बाद आठ विषयों के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें नैनो टेक्नोलाजी, चलित मृदा परीक्षण वेन, प्रसीशन फार्मिग, उद्यानिकी फसलों की कटाई के बाद की तकनीकी जानकारी, खाद्य प्रसंस्करण, हाइड्रोफोनिक्स फसल पद्धति,आर्किड पार्क और लैंड शैंपिंग मेनेजमेंट शमिल है। दरअसल एकेडमिक सत्र के दौरान इन विषयों को जोडक़र और इनके प्रयोग रूप में शिक्षण में लाकर इस विषय के विद्यार्थियो कों तो जानकारी उपलब्ध कराना है ही किसानों तक भी यह बात और यह जानकारी पहुंचाना है।किसानों के लिए फायदेमंदमैदानी रूप से इस तरीके से सब्जी, फल और अन्य उद्यानिकी फसलों के उत्पादन के साथ उसके विपणन में किसान कुशल बन सकें और उन्हें आर्थिक रूप से फायदा ज्यादा हो यह तभी हो सकता है जब वे इसकी तकनीक समझें। उद्यानिकी महाविद्यालय चूंकि जिले में शुरू हो गया है इसलिए जिले के किसानों को यह बात समझाने में और आसानी होगी। विद्यार्थियों को उक्त विषयों का प्रशिक्षण देकर किसानों के साथ उनके साक्षात्कार के जरिए नए रास्ते और नई संभावनाओं के साथ उन्हें होने वाले आर्थिक लाभ की जानकारी भी दी जा सकेगी।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री खुद इस विषय को लेकर गंभीर है। विशेषज्ञों के साथ वे इसके तकनीकी विस्तार के लिए खुद पहल कर रहे हैं। गत दिनों उन्होंने एक बैठक भी ली जिसमें स्थानीय महाविद्यालय के स्टाफ के साथ आयुक्त उद्यानिकी डा एम कालीदुरई और संयुक्त संचालक उद्यानिकी राजेंद्र राजोरिया भी उपस्थित थे। बैठक में उद्यानिकी विस्तार को लेकर संभव हुआ तो दक्षिण पश्चिमी राष्ट्रों की उद्यानिकी परिषद से भी तकनीकी को समझने की कोशिश की जाएगी। इससे जिले के किसानों को आर्थिक रूप से और लाभ की संभावनाएं बनेंगी।
डा वीके पराडकर, डीन, हार्डिकल्चर कालेज, छिंदवाड़ा

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