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College: विश्वविद्यालय का भवन निर्माण दो साल बाद भी नहीं हो पाया शुरु, यह है बड़ी वजह

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 16, 2021 02:31:11 pm

Submitted by:

ashish mishra

महज 90 लाख रुपए आवंटित कर औपचारिकता पूरी की थी।

College: पीजी कॉलेज को छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के शिफ्ट होने का इंतजार

College: पीजी कॉलेज को छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के शिफ्ट होने का इंतजार


छिंदवाड़ा. आदिवासी विद्यार्थियों के हितों के लिए स्थापित छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय परीक्षा कराने एवं परिणाम देने तक ही सीमित रह गई है। स्थापना के लगभग दो वर्ष बाद भी छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य शुरु नहीं हो पाया। ऐसे में विश्वविद्यालय का भविष्य अधर में दिखाई दे रहा है। विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की भी काफी कमी है। ऐसे में प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। बता दें कि मई माह में शासन ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 486.45 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति के एवज में महज 90 लाख रुपए आवंटित कर औपचारिकता पूरी की थी। जबकि जबलपुर में स्थापित धर्मशास्त्र विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 27 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के संबद्ध चार जिलों के कॉलेजों में लगभग दो लाख विद्यार्थी अध्ययरत हैं जबकि धर्मशास्त्र विश्वविद्यालय, जबलपुर के अंतर्गत अधिकतम 4 हजार विद्यार्थी होंगे। बजट पीआईयू भोपाल के खाते में जारी किया गया था। निर्माण कार्य का प्रगति प्रतिवेदन हर तीन माह में प्रस्तुत किए जाने के भी निर्देश दिए गए थे। पीआईयू द्वारा ही भवन निर्माण का कार्य निजी एजेंसी के माध्यम से कराया जाना है। जानकारों की मानें तो 80 लाख रुपए में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए सारना में पहाड़ी क्षेत्र में आवंटित 120 एकड़ जमीन का समतलीकरण होना मुश्किल है। यह बजट आवंटित कर महज औपचारिकता निभाई गई।

12 मई को जारी हुआ आदेश
उच्च शिक्षा विभाग ने 12 मई 2021 को पीआईयू भोपाल के परियोजना संचालक को बजट आवंटन संबंधी पत्र जारी किया था। जिसमें वित्तीय वर्ष 2020-21 में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के भवन निर्माण हेतु 90 लाख रुपए आवंटित किए जाने के साथ ही दिशा निर्देश जारी किया गया था। विश्वविद्यालय के भवन निर्माण हेतु आवंटित राशि को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार दिसंबर 2021 तक 80 प्रतिशत एवं शेष माह के लिए 20 प्रतिशत के मान से प्रतिमाह राशि का व्यय सुनिश्चित किया जाकर प्रतिमाह किए जाने वाले व्यय का उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने को कहा गया था।
छात्र संगठन एवं राजनीतिक दल नहीं दिखा रहे दिलचस्पी
आदिवासी विद्यार्थियों को सुलभ तरीके से उच्च शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय की स्थापना को लगभग ढाई वर्ष हो चुके हैं। इस विश्वविद्यालय से न केवल छिंदवाड़ा बल्कि सिवनी, बालाघाट, बैतूल के 136 कॉलेज संबंद्ध हैं। जिसमें लगभग दो लाख विद्यार्थी अध्ययरत हैं। इसके बावजूद भी शासन द्वारा इस विश्वविद्यालय लगातार उपेक्षा ही गई है। छिंदवाड़ा में जनप्रतिनिधि एवं राजनीतिक दल के प्रतिनिधि भी इस संबंध में कोई ठोस कदम नहंी उठा रहे हैं। छात्र संगठनों में भी विरोध नहीं दिख रहा है।
अब तक यह प्रगति
14 अगस्त 2019 को विधानसभा का विशेष संकल्प पारित कर छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। विश्वविद्यालय के भवन के लिए ग्राम सारना में लगभग125 एकड़ भूमि का आवंटन एवं 486.45 करोड़ का बजट आवंटन भी किया गया था। इस भवन की डिजाइन सहित अन्य कार्य भी हो चुके हैं एवं भवन निर्माण के लिए टेंडर भी हो चुका है। विश्वविद्यालय के लिए 325 पदों की स्वीकृति भी शासन द्वारा दी जा चुकी है, लेकिन अब तक भवन निर्माण का कार्य शुरु नहीं हुआ है।

इनका कहना है…
विश्वविद्यालय के भवन निर्माण पीआईयू के माध्यम से किया जाना है। प्रक्रिया चल रही है।
यूएस सालसेकर, कुलसचिव, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय

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