बता दें कि कम्पनी चेन सिस्टम पर काम करती है और मुख्य रूप से कपड़ा बेचती थीं। इससे जुडऩे वाले से आइडी बनाने के लिए चार हजार रुपए लिए जाते थे। इन्हीं लोगों से छह माह में रुपए डबल करने का झांसा देकर निवेश कराया और कुछ माह तक रुपए लौटाने के बाद बंद कर दिया। निवेशकों ने कम्पनी के अधिकारी और स्थानीय एजेंट भरत चौधरी से चर्चा की तो जवाब मिला कि जीएसटी की दिक्कत होने के कारण अभी रुपए नहीं दिए जा सकते। निवेशक पवन सूर्यवंशी, ओपी सिंग, ब्रजेश शुक्ला सहित अन्य लोगों का आरोप है, कि छह माह में जमा राशि दोगुनी देने का वादा किया था। जिले से लगभग चार से पांच लाख रुपए निवेश किया गया है जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया। समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो कई निवेशकों का रुपया डूब जाएगा।
गुमराह कम्पनी के संचालकनिवेशक पवन सूर्यवंशी ने बताया कि कुछ दिन पहले कम्पनी के संचालकों ने निवेशकों से बात शुरू कर दी थीं। चंद लोगों के दो हजार पांच हजार रुपए लौटाए और फिर से बातचीत बंद कर दी है। निवेश करोड़ों रुपए में हुआ है। कम्पनी छुटपुट रकम लौटाकर निवेशकों को गुमराह कर रही। इस मामले में टीआइ रश्मि जैन का कहना है कि निवेशक और कम्पनी के संचालकों के बीच चर्चा होनी शुरू हो गई थीं, निवेशकों की रकम मिल जाए यहीं पुलिस का भी मकसद है। दोनों पक्षों के बीच चर्चा चल रही थीं जिसके चलते अभी मामले में क्या कुछ हुआ है इसकी मुझे जानकारी नहीं है।