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Compensation : विद्युत वितरण कंपनी ने मांगी युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जानें क्या है मामला

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 16, 2019 01:03:54 am

Submitted by:

Rajendra Sharma

करंट लगने से हुई थी मौत, पिता भटक रहा मुआवजे के लिए

Dead Body Found

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छिंदवाड़ा/ बिजली करंट लगने से साल 2018 में जवान बेटे सागर की मौत होने के बाद मुआवजे के लिए भटक रहे पिता मुकेश चंद्रवंशी को विद्युत वितरण कंपनी की तरफ से नौ सितम्बर को एक पत्र जारी किया गया है। ‘पत्रिका’ में छह सितम्बर को ‘बेटे की मौत का मुआवजा पाने भटक रहा पिता’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था, जिसके बाद बिजली वितरण कम्पनी ने इस मामले की सुध ली और पीढि़त पिता को पत्र जारी कर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
कार्यालय कनिष्ठ अभियंता मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड गुरैया की ओर से मृतक सागर (19) के पिता मुकेश चंद्रवंशी को एक पत्र नौ सितम्बर को जारी किया गया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि सागर गौली की बिजली करंट लगने के कारण मृत्यु हो जाने के कारण के सम्बंध में मुआवजा के लिए पत्र क्रमांक 671 मई 11 साल 2019 को उमरेठ तहसीलदार ने अभिमत चाहा था। प्रकरण में आगे की कार्रवाई के लिए विद्युत वितरण कंपनी ने मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण प्रकरण को लम्बित रखा गया है। बिजली वितरण कम्पनी की तरफ से जारी हुए पत्र से गरीब किसान की उम्मीद बढ़ चुकी है। पीडि़त ने शासन, प्रशासन, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के पास भी आवेदन दिए और मुआवजे के लिए गुहार लगाई। एक ओर सरकार समस्याएं सुनने के घर तक पहुंच रही है, वहीं यह एक मामला सामने आया है जिसमें किसान करीब डेढ़ साल से भटक रहा था।
यह है मामला

उमरेठ तहसील क्षेत्र के ग्राम मूसादेही निवासी किसान मुकेश चंद्रवंशी (40) का बड़ा बेटा सागर चंद्रवंशी पढ़ाई के साथ-साथ खेती किसानी भी करता था। सागर 12 मई 2018 को ख्ेात में काम कर रहा था उसी दौरान बिजली का करंट लगा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों की जिम्मेदारी भी लगभग उसी के कांधों पर थी। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार की स्थिति और खराब हो गई। पिता मुआवजा पाने के लिए लगातार भटकता रहा। सरकारी कार्यालयों के कई चक्कर काटने के बाद भी पीडि़त को किसी प्रकार की राहत नहीं मिली थी। ‘पत्रिका’ ने पीडि़त की समस्या को प्रमुख्ता से प्रकाशित किया जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने किसान के प्रकरण पर ध्यान दिया और दस्तावेजी कार्रवाई शुरू की है।
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