छिंदवाड़ाPublished: Jan 21, 2020 07:23:16 pm
arun garhewal
उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन की हालत बद से बदतर हो चुकी है।
खतरे के साये में इलाज कराने की मजबूरी
छिंदवाड़ा. खैरवानी/हनोतिया. समूचे प्रदेश में कांग्रेसनीत कमलनाथ सरकार स्वास्थ्य का स्तर उठाने के लिए लगातार प्रयासरत् है जिसका उदाहरण छिन्दवाड़ा मेडिकल कॉलेज है। किन्तु इन सबके बीच ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल-बेहाल है।
जुन्नारदेव विधानसभा में जहां क्षेत्रीय विधायक सुनील उईके ने भी स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए प्रयास किये जा रहे है वहीं स्वास्थ्य विभाग का अमला ही अपने इस विभाग के अन्तर्गत आने वाले उप स्वास्थ्य केन्द्रों की ओर कोई रूचि लेता दिखाई नहीं दे रहा है जिसके चलते आज भी दर्जनों ग्रामों में उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन की हालत बद से बदतर हो चुकी है।
ऐसा ही मामला मामला जुन्नारदेव विकासखंड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत रिछेड़ा में देखने को आया है। यहां सन् 2008 में बनकर तैयार हुआ उपस्वास्थ्य केन्द्र लगभग 12 वर्षों में ही पूर्णत: जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है और इसमें आने वाले 5 गांवों के लगभग 4500 ग्रामीण खतरे के साये में अपना उपचार कराने पहुंचते है। भवन के अंदर प्रवेश करते ही उन्हें इस बात का डर सताता है कि कहीं उपस्वास्थ्य केन्द्र का यह भवन धराशायी न हो जाये और उनकी जान जोखिम में न पड़ जाये। इस भवन की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि यहां इलाज करने बैठा स्वास्थ्य अमले को भी जान खतरा महसूस होता है।
रिछेड़ा उपस्वास्थ्य केन्द्र की एएनएम रेखा सहारे द्वारा लगभग तीन वर्ष पूर्व इस भवन के जर्जर होने के संबंध में सरपंच ग्राम पंचायत रिछेड़ा सहित स्वास्थ्य विभाग जुन्नारदेव के अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है जिसकों लेकर ग्राम पंचायत द्वारा बीते वर्षो में छुटपुट मरम्मत भी की गई जो नाकाफी ही साबित हुई। इन सबके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई न किया जाना ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ ही साबित हो रहा है। यहां का स्टाफ भी भवन के अंदर अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं करता है।