छिंदवाड़ा

जंगल में दखल से संकट में मानव

रहवासी क्षेत्रों में आ रहे वन्यप्राणी, मनुष्यों और जानवरों का कर रहे शिकार

छिंदवाड़ाMay 11, 2022 / 07:07 pm

mantosh singh

जंगल में दखल से संकट में मानव

मंतोष कुमार सिंह
छिंदवाड़ा. पशु-पक्षी, जानवर और मनुष्य के निवास करने के लिए जगह निर्धारित की गई है। सभी अपने दायरे में रहें तो संतुलन बना रहता है। एक दूसरे का हस्तक्षेप कोई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। दूसरे की सीमा में प्रवेश करने पर संघर्ष होना स्वभाविक है। आजकल मनुष्यों का जंगलों में दखल कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। शिकार की घटनाओं और पेड़ों की कटाई के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। जंगल के हिंसक वन्यप्राणी रहवासी क्षेत्रों की तरफ आ रहे हैं, जिसकी वजह से मनुष्य और पालतू जानवरों की शिकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सिवनी जिले में जनवरी से अप्रेल 2022 तक बाघ ने चार लोगों का शिकार किया है। इस दौरान चार बाघ और एक तेंदुए की मौत भी हुई है। 2020-21 में बाघ, तेंदुआ एवं सूकर के हमले में छह लोगों को जान गंवानी पड़ी है।

ग्रामीणों की जान सांसत में
वनों के आसपास निवास करने वाले ग्रामीणों की आजीविका वनोपज पर निर्भर है। ग्रामीणों को वनोपज से आर्थिक संबल मिलता है। महुआ से होने वाली आमदनी से इनके घर का खर्च चलता है, लेकिन वन्यप्राणियों के सबसे ज्यादा शिकार महुआ बीनने वाले ग्रामीण होते हैं। वन विभाग समय-समय पर ग्रामीणों को सतर्क और जागरूक करता है। हिंसक वन्यप्राणियों के मूवमेंट की जानकारी भी देता है।

पानी की तलाश
भीषण गर्मी की वजह से वन क्षेत्रों के जलस्रोत सूख गए हैं। कहीं-कहीं कम मात्रा में पानी बचा हुआ है। पानी की तलाश में भी जंगली जानवर जंगल से बाहर आ रहे हैं। इसके अलावा वाइल्ड लाइफ में बढ़ोतरी हुई है। भोजन के लिए भी हिंसक वन्यप्राणी पालतू जानवरों का शिकार कर रहे हैं।

मुआवजा का प्रावधान
वन्यप्राणी के शिकार और हमला मामले में मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण की मौत होने पर परिजन को चार लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है। घायल होने पर निशुल्क इलाज कराने का प्रावधान है। 50 प्रतिशत तक अपंग होने पर दो लाख रुपए की सहायता दी जाती है। पशुहानि होने पर अधिकतम 30 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाता है।

वन्यप्राणियों के हमले (2020-21)
वन वृत्त- जनहानि – जन घायल -पशुहानि
सिवनी – 4 -129 -1322
पेंच टाइगर रिजर्व -2 -5 -510
छिंदवाड़ा – 1 -36 -484


वाइल्ड लाइफ में बढ़ोतरी
पेंच टाइगर रिजर्व का क्षेत्र बालाघाट व छिंदवाड़ा से लगा हुआ है। जंगल में वाइल्ड लाइफ में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में वन्यप्राणी पानी और भोजन की तलाश में बाहर आते हैं। इस वजह से जन एवं पशुहानि की स्थिति होती है। जंगल तक मानव का दखल भी बढ़ा है। पेंच टाइगर रिजर्व के साथ ही हमारी टीम समय-समय पर समितियों की बैठक लेकर जागरूक करती है।
– एसएस उद्दे, सीसीएफ सिवनी

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