मेडिकल कॉलेज के सर्जिकल विभाग में टकराव
दरअसल नगर के चौकसे कॉलोनी निवासी उदयराज पिता काशीनाथ राय (54) कई वर्ष से पैरों के संक्रमण से पीडि़त है। दो वर्ष पहले मुम्बई समेत कई महानगारों में उपचार कराया, लेकिन राहत नहीं मिली। वे जिला अस्पताल के सर्जिकल विभाग में भर्ती हुए थे। यहां सर्जन द्वारा आवश्यक जांच के बाद बुधवार को ऑपरेशन करने का बोला गया, लेकिन अन्य डॉक्टरों ने ऑपरेशन अगले दिन के लिए टाल दिया। दूसरे दिन गुरुवार को फिर से यही स्थिति निर्मित हुई।
दरअसल नगर के चौकसे कॉलोनी निवासी उदयराज पिता काशीनाथ राय (54) कई वर्ष से पैरों के संक्रमण से पीडि़त है। दो वर्ष पहले मुम्बई समेत कई महानगारों में उपचार कराया, लेकिन राहत नहीं मिली। वे जिला अस्पताल के सर्जिकल विभाग में भर्ती हुए थे। यहां सर्जन द्वारा आवश्यक जांच के बाद बुधवार को ऑपरेशन करने का बोला गया, लेकिन अन्य डॉक्टरों ने ऑपरेशन अगले दिन के लिए टाल दिया। दूसरे दिन गुरुवार को फिर से यही स्थिति निर्मित हुई।
इस दौरान विभाग में डॉक्टरों के बीच टकराव देखने को मिला। इस घटना से नाराज एक सर्जन ने इस्तीफा दे दिया। इधर विभाग प्रमुख डॉ. महेंद्र ने बताया सर्जन द्वारा दिए गए इस्तीफे को अगली कार्रवाई के लिए डीन के पास भेजा गया है। मामले में वहीं निर्णय लेंगे।
इसलिए उपजा विवाद
ऑपरेशन थिएटर में उपजे विवाद के बाद मरीज को बेहोशी का इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा था। एेसे में सर्जन द्वारा जिला अस्पताल से निश्चेतना विशेषज्ञ की व्यवस्था कर मरीज का ऑपरेशन किया तथा लम्बे समय से पीडि़त को राहत दिलाई है। बताया जाता है कि पहले से मौजूद निश्चेतना विशेषज्ञ मरीज को बेहोशी की जगह नींद का इंजेक्शन दे रहे थे। जबकि नींद के इंजेक्शन से मरीज को बहुत पीड़ा होती है, इसलिए सर्जन ने इस पर विरोध जताया था।
मरीज ने बताया दर्द
पीडि़त उदयराज ने बताया कि वह दो दिन से वार्ड में भर्ती है, डॉक्टर द्वारा चाही गई सभी ब्लड जांच हो चुकी थी। इसके बाद भी ऑपरेशन को टालने से दिक्कत हो रही थी। सर्जन के प्रयास से उन्हें राहत मिली है।