ज्ञापन में विधायक दल के सदस्यों ने जिलाध्यक्ष को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के महामारी के रूप में बदलने की संभावनाओं से सर्वप्रथम पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विपक्ष सहित प्रदेश को अवगत कराया था, परन्तु सत्ता का अपहरण करने में लिप्त भाजपा ने इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व कई मंत्रियों सहित प्रदेश के हजारों लोग संक्रमित हो चुके हैं। यह दुर्भाग्य का विषय है, कि इतनी विषम परिस्थिति होने के बाद प्रदेश सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए आज तक कोई भी उचित नीति नहीं बना पाई है। आरोप लगाया कि प्रदेश में बढ़ती महामारी को रोकने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल रही है। प्रदेश के सम्पूर्ण शासकीय अस्पतालों में आवश्यक उपकरण एवं कारगार दवाइयों का भी अभाव है, जिसके कारण चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य विभाग के हर श्रेणी के कर्मचारियो को अनेकों असुविधाओं एवं परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
क्वॉरंटीन सेंटर से भेज जा रहे मरीज
विधायक दल ने कलेक्टर को अवगत कराया कि अनेक क्वॉरंटी सेंटरों में मरीजों की संख्या बढ़ जाने से उन्हे वापिस भेजा रहा है। इन परिस्थितियों में संभावित व संक्रमित मरीज इस बीमारी को और अन्य व्यक्तियों तक पहुंचा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग जिन मरीजों के सेंपल ले रहा है, उनकी रिपोर्ट भी शासन से समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इन अव्यवस्थाओ के कारण प्रदेश एवं जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढोत्तरी होती जा रही हैं, जो एक चिंता का विषय है। ज्ञापन प्रस्तुत करते समय परासिया विधायक सोहनबाल्मिक, अमरवाडा विधायक कमलेशप्रताप शाह, सौंसर विधायक विजय चौरे, चौरई विधायक सुजीत मेरसिंह चौधरी एवं पांढुर्ना विधायक नीलेश उइके उपस्थित थे।