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Controversy : छह दिन बाद खुली मंडी में शासन के नए नियम को लेकर विवाद, पढ़ें पूरी खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 31, 2019 12:21:11 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

सचिव की मध्यस्थता से सुलझा मामला : उपज के भुगतान में दो प्रतिशत टीडीएस काटे जाने को लेकर किसानों ने की शिकायत

mandiphasalbaran

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छिंदवाड़ा/ दीपोत्सव के दौरान छह दिन मंडी में व्यापार बंद रहा। बुधवार को किसान उपज लेकर पहुंचे तो उन्हें भुगतान के दौरान दो प्रतिशत कम रकम दी गई, इसको लेकर विवाद की स्थिति बनी।
बुधवार के दिन मुहूर्त बोली में मूंग खरीदने वाले व्यापारियों में से कुछ ने किसानों को इस अनाज का भुगतान किया तो दो प्रतिशत टीडीएस काटा। इस बात को लेकर लगभग एक दर्जन किसान विरोध पर उतर आए और पूरी रकम मांगने लगे। मामला न सुलझने पर मंडी अधिकारियों के पास शिकायत करने के लिए किसान पहुंचे। उनका कहना पड़ा कि व्यापारी दो प्रतिशत टीडीएस काट रहे हैं।
सचिव केएल कुलमी ने यहां मिलकर काम रही दो फर्मों के व्यापारियों को बुलाया और उनसे चर्चा की। सचिव ने आज व्यापारियों से किसानों को पूरा भुगतान करने कहा। इस संबंध में गुरुवार को बैठकर संबंधित बैंकों और उच्च अधिकारियों से मंडी प्रबंधन और व्यापारी चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बड़े भुगतान तो व्यापारी आरटीजीएस से कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि वे आरटीजीएस करने को तैयार हैं इसमें कम से कम दो दिन लगेंगे। किसान नकद मांगते हैं। चूंकि उनका पैसा बैंक काटती है तो वे भी काट रहे हैं। हालांकि इस संबंध में अनाज व्यापारी मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने स्पष्ट रूप से व्यापारियों से कहा है कि किसानों को भुगतान करते समय कोई राशि नहीं काटी जाए।
बैंकों का कहना नहीं पहुंचे आदेश

ध्यान रहे एक पखवाड़े पहले केंद्र सरकार के वित्त विभाग ने निर्णय लिया कि जो व्यापारी कृषि उपज मंडियों में अनाज का व्यापार करते हैं उनसे नकद भुगतान पर दो प्रतिशत टीडीएस नहीं काटा जाएगा। इसके बाद भी व्यापारियों से मंडियों में खरीदी का भुगतान नकद करते समय टीडीएस काटा जा रहा है। मंडी सचिव केएल कुलमी ने बताया कि बैंकों का कहना है कि उनके पास अभी अपने उच्च विभाग से आदेश की प्रति नहीं आई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कलेक्टर से चर्चा की जाएगी ताकि व्यापारियों को किसानों को परेशानी न हो। ध्यान रहे छिंदवाड़ा मंडी में अधिकतर व्यापारी नकद भुगतान ही करते हैं। यहां कई व्यापारी ऐसे हैं जो अब तक दो करोड़ रुपए से अधिक का नकद भुगतान कर चुके हैं। उनका कहना है कि यदि बैंक हमसे नकद पर टीडीएस काटेगा तो हम भुगतान करते समय काटेंगे।
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