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Corn Festival : मक्का के उत्पादन में छिंदवाड़ा को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान- मुख्यमंत्री कमलनाथ

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 15, 2019 06:09:18 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

मुख्यमंत्री ने किया कॉर्न फेस्टिवल-2019 का शुभारंभ

Corn Festival

Corn Festival

छिंदवाड़ा/ सोयाबीन के बाद मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले ने मक्के के उत्पादन में प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। छिंदवाड़ा को मक्काउत्पादन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार को छिंदवाड़ा में दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल 2019 के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर सांसद नकुल नाथ, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन यादव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, जिले के विधायक कमलेश प्रताप शाह, सुजीत सिंह चौधरी, निलेश उईके, विजय चौरे, सोहन बाल्मिक और सुनील उईके, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, मप्र बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी, संभागायुक्त रवीन्द्र कुमार मिश्रा, डीआइजी सुशांत सक्सेना, कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय, अतिरिक्त कलेक्टर राजेश शाही और एसडीएम अतुल सिंह, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं मक्का उत्पादक किसान उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर करती है। कृषि क्षेत्र की मजबूती हमारे देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करती है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती और किसानों की क्रय शक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है। जब किसानों के हाथों में क्रय शक्ति होती है, तभी व्यापार एवं उद्योग धंधे भी चलते हैं।
सोयाबीन के स्थान पर मक्का की फसल लेने के लिए प्रेरित किया

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि उनके प्रयास से वर्ष 1979 के बाद छिंदवाड़ा जिले में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के आयलशील्ड मिशन को लागू किया गया जिससे किसानों ने सोयाबीन क्रांति लाकर जिले को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ सोयाबीन उत्पादन वाले जिलों में स्थान दिलाया। कालांतर में सोयाबीन में बीमारी आदि कारणों से उत्पादन कम होने पर घाटा होने और उचित मूल्य नहीं मिलने पर उन्होंने कृषकों को सोयाबीन के स्थान पर मक्का की फसल लेने के लिए प्रेरित किया। जिले के किसानों ने मक्का की खेती के विकल्प को स्वीकार किया। वर्तमान में मक्का के उत्पादन में छिंदवाड़ा का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में अव्वल स्थान पर है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले में औद्योगिक क्रांति के साथ ही कृषि के क्षेत्र में मक्का उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखने पर उनका वर्षों पुराना सपना साकार हुआ है।
युवा खेती से जुडकऱ क्रांति लाएंगे

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा सहित प्रदेश में कृषि और उद्यानिकी के कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं जिससे भावी पीढ़ी और नौजवान शहरों की ओर रूख नहीं कर कृषि की उन्नत तकनीकों और आधुनिक पध्दति से जुडकऱ खेती के क्षेत्र में क्रांति ला सकें। मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि पहले खेतों में धोती और पैजामा वाले गरीब किसान ही नजर आते थेए अब उनका सपना है कि जींस और टी-शर्ट वाले समृध्द किसान खेती करते हुए नजर आएं। उन्होंने कहा कि देश में मक्का की खेती का भविष्य उज्जवल है। आज से 10 वर्ष पहले कृषि के उत्पादन की चुनौती हुआ करती थी। अब किसानों की मेहनत से पैदा हुए विपुल उत्पादन को सहेज कर रखना चुनौती है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिले और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मुख्य आर्थिक गतिविधि बने, इसके लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है।
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