सोयाबीन के स्थान पर मक्का की फसल लेने के लिए प्रेरित किया मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि उनके प्रयास से वर्ष 1979 के बाद छिंदवाड़ा जिले में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के आयलशील्ड मिशन को लागू किया गया जिससे किसानों ने सोयाबीन क्रांति लाकर जिले को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ सोयाबीन उत्पादन वाले जिलों में स्थान दिलाया। कालांतर में सोयाबीन में बीमारी आदि कारणों से उत्पादन कम होने पर घाटा होने और उचित मूल्य नहीं मिलने पर उन्होंने कृषकों को सोयाबीन के स्थान पर मक्का की फसल लेने के लिए प्रेरित किया। जिले के किसानों ने मक्का की खेती के विकल्प को स्वीकार किया। वर्तमान में मक्का के उत्पादन में छिंदवाड़ा का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में अव्वल स्थान पर है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले में औद्योगिक क्रांति के साथ ही कृषि के क्षेत्र में मक्का उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखने पर उनका वर्षों पुराना सपना साकार हुआ है।
युवा खेती से जुडकऱ क्रांति लाएंगे मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा सहित प्रदेश में कृषि और उद्यानिकी के कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं जिससे भावी पीढ़ी और नौजवान शहरों की ओर रूख नहीं कर कृषि की उन्नत तकनीकों और आधुनिक पध्दति से जुडकऱ खेती के क्षेत्र में क्रांति ला सकें। मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि पहले खेतों में धोती और पैजामा वाले गरीब किसान ही नजर आते थेए अब उनका सपना है कि जींस और टी-शर्ट वाले समृध्द किसान खेती करते हुए नजर आएं। उन्होंने कहा कि देश में मक्का की खेती का भविष्य उज्जवल है। आज से 10 वर्ष पहले कृषि के उत्पादन की चुनौती हुआ करती थी। अब किसानों की मेहनत से पैदा हुए विपुल उत्पादन को सहेज कर रखना चुनौती है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिले और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मुख्य आर्थिक गतिविधि बने, इसके लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है।