कोरोना कंट्रोल तो डेंगू बेकाबू..फिर ले ली जान
छिंदवाड़ाPublished: Sep 23, 2021 11:04:32 am
जिले में चौथी मौत होने से स्वास्थ्य सिस्टम पर सवाल, मशीन खराब होने से एलाइजा रिपोर्ट में भी लेटलतीफी
कोरोना कंट्रोल तो डेंगू बेकाबू..फिर ले ली जान
छिंदवाड़ा. कोरोना महामारी कंट्रोल में है तो डेंगू बीमारी बेकाबू होती जा रही है। इसके चलते बुधवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला ने दम तोड़ दिया। इससे स्वास्थ्य सिस्टम पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है। सबसे शर्मनाक यह है कि डेंगू की जांच की दो मशीन खराब हो गई है। इससे एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट भी लेटलतीफ आ रही है। इससे चिकित्सक भी समय पर इलाज नहीं कर पा रहे हैं।
डेंगू ने मोहन नगर में रहनेवाली पूर्णिमा गुरंग 26 वर्ष की जान ले ली। उसे 21 सितम्बर को शाम 6 बजे जिला अस्पताल के फीमेल मेडिकल वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। 22 सितम्बर को दोपहर 2.15 बजे दम तोड़ दिया। इस युवा महिला की मृत्यु से डेंगू के प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है। मलेरिया अधिकारियों ने इस मौत को स्वीकार नहीं किया है। वे कह रहे हैं कि रेपिड किट जांच से डेंगू आया होगा। अस्पताल में एलाइजा टेस्ट नहीं हुआ, तब तक वे डेंगू होना स्वीकार नहीं करेंगे। जबकि अस्पताल की पर्ची में साफ तौर पर डेंगू से बीमार होना लिखा हुआ है।
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एलाइजा टेस्ट मशीन खराब, भोपाल से बुलाया इंजीनियर
जिला अस्पताल की एलाइजा टेस्ट की मशीन पहले से खराब पड़ी है। इससे अब तक टेस्ट मेडिकल कॉलेज की मशीन से होता रहा। अब कॉलेज की मशीन में भी तकनीकी खामी आ गई है। इससे टेक्नीशियन समय पर डेंगू की रिपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं। इस पर मशीन सुधारने के लिए भोपाल से संबंधित कंपनी इंजीनियरों को बुलाया गया है। इधर,अस्पताल में एक सप्ताह से रिपोर्ट न मिलने से शिकायतकर्ताओं की लाइन लग रही है। इससे मरीजों का समय पर इलाज भीनहीं हो रहा है।
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हर चौथा मरीज वायरल बुखार और डेंगू से पीडि़त
जिला अस्पताल में इस समय हर चौथा मरीज वायरल बुखार और डेंगू की बीमारी से पीडि़त दिखाई दे रहा है। इसके चलते दो ओपीडी काउंटर छोटे पडऩे लगे हैं। एक काउंटर पहले से ही कोरोना के लिए आरक्षित है। कलेक्टर द्वारा चौथा काउंटर बनाने के निर्देश पूर्व सिविल सर्जन को दिए गए थे लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं किया गया है। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है।
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इनका कहना है..
डेंगू से जिला अस्पताल में मरीज की मौत के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। जहां तक मरीजों को रिपोर्ट लेट होने का सवाल है तो कुछ तकनीकी खामी होने से ऐसा हो पाया। उसे सुधारने की कोशिश में लगे हैं।
-देवेन्द्र भालेकर, जिला मलेरिया अधिकारी।