नहीं मिला मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना का लाभ
जिन बच्चों के सिर से माता पिता का साया उठ जाता है, उन बच्चों को मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना का लाभ मिलता है। लेकिन जिले में ऐसे सैंकड़ों बच्चे हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है, इस बारे में जिम्मेदारों का कहना है कि इन बच्चों में से अधिकांश बच्चों के एकल अभिभावक जीवित होने से इन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
पिता का नहीं रहा साया
कोविड के दौरान अधिकतर बच्चों के सिर से पिता का साया हट गया है। चूंकि माता गृहणी होने से परिवार को जीवन यापन करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सरकार की स्पांसरशिप योजना में 2 हजार रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान है, लेकिन इसका लक्ष्य 41 बच्चों का होने से शेष मासूमों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति ने समाज के दानवीरों से प्रायवेट स्पांसरशिप के तहत सहायता मांंगने का निर्णय लिया है, जिसके तहत पहले चरण में उन बच्चों को लिया जाएगा जिनकी हालत अत्यंत दयनीय है।
आर्थिक संकट से जूझ रही महिलाओं को दिलाएंगे रोजगार
कोराना काल में पति की असामायिक मृत्यु हो जाने से संकट में आई महिलाओं को रोजगार दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत अभी तक करीब 10 महिलाओं को नर्सिंग की ट्रेनिंग दी गई है, इसी के साथ दूसरे व्यवसायों में भी महिलाओं की भागीदारी की जा रही है, ताकि उन्हें परिवार को पालने में सहारा मिलेगा।