छिंदवाड़ा

Corona Effect: नसबंदी शिविर बंद हुआ तो रैनबसेरा को बना दिया कबाडख़ाना

अस्पताल के बाहर भटक रहे मरीजों के परिजन को नहीं मिल रहा ठौर-ठिकाना

छिंदवाड़ाMay 16, 2021 / 05:51 pm

prabha shankar

chhindwara

छिंदवाड़ा। दो माह पहले मार्च में जब सब कुछ सामान्य था, तब जिला अस्पताल के गेट नम्बर 4 पर बने रैन बसेरा में स्वास्थ्य विभाग का नसबंदी शिविर संचालित था। कोरोना संक्रमण की लहर आने के बाद जैसे ही ये बंद हुआ,पिंडरई कलां ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी सारा सामान यहीं छोड़ ताला लगाकर चले गए। अब अस्पताल में मरीजों के परिजन रात में सोने के लिए दर-दर भटक रहे हंै, तब कोई उनकी सुधि नहीं ले रहा है।

एक दिन पहले पत्रिका ने मरीजों के परिजन की आवाज को स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सामने रखा था। इस मामले की पड़ताल में नए तथ्य सामने आए कि अस्पताल की इस बिल्डिंग में पिछले साल 2020 के लॉकडाउन के समय नगर निगम द्वारा बेसहारा बुजुर्ग और मरीजों के परिजन को रात में शरण दी जाती थी। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के पिंडरईकलां के अधिकारी-कर्मचारियों ने इस रैनबसेरा को निगम से नसबंदी कैम्प के लिए ले लिया।
इस वर्ष मार्च तक साप्ताहिक नसबंदी शिविर चलते रहे। उसके बाद रैन बसेरा का उपयोग बंद हो गया। सवाल यह है कि इस रैनबसेरा को मरीजों के परिजन के रुकने के लिए ही बनाया गया था, तब उन्हें यह सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है। फिर इसे कबाडख़ाना क्यों बना दिया गया? इसका जवाब मांगो तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बगलें झांकने लगते हैं। अब जबकि कोरोना संक्रमण बढऩे पर जिला अस्पताल में औसत 350 कोरोना मरीज भर्ती है,जिनके परिजनों को अंदर वार्ड में जाने की इजाजत नहीं है, उन्हें बाहर फर्श पर सोना पड़ता है। तब उनकी तकलीफ को नजरंदाज किया जा रहा है।

निजी अस्पतालों की जांच के लिए दल गठित
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीसी चौरसिया द्वारा निजी अस्पतालों की लगातार शिकायतों की जांच के लिए दल गठित किया गया है। कोविड-19 क्राइसिस मैनेजमेंट गु्रप की बैठक में विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा संज्ञान में लाया गया कि जिले की निजी कोविड- अस्पतालों में भर्ती कोविड के संक्रमित मरीजों से इलाज के नाम पर अत्यधिक फीस वसूल की जा रही है। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सीएमएचओ द्वारा एक निरीक्षण जांच दल गठित किया गया है जो कि समय-समय पर निजी कोविड अस्पतालों में निरीक्षण करेगा। निरीक्षण के दौरान अगर इन अस्पतालों में अनियमितता पाई जाती है तो नर्सिंग होम एक्ट के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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