आस्था को देखते हुए सरकार ने की थी पहल
गंगा के प्रति करोड़ों लोगों की आस्था को देखते हुए सरकार ने गंगाजल को डाकघर के माध्यम से घर-घर लोगों तक पहुंचाने की योजना शुरू की थी। लोगों ने इस योजना को हाथों हाथ लिया, पर मांग के अनुरूप आपूर्ति कम होने के कारण इस योजना का दम निकल गया। आए दिन डाकघर में गंगाजल का टोटा रहता है। गंगाजल की मांग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग ने जब भी गंगाजल का स्टॉक मंगाया, कुछ ही समय में खत्म हो गया। गंगाजल की सबसे ज्यादा मांग महाशिवरात्रि, नवरात्रि, दीपावली व सावन माह में होती है। मंदिरों में होने वाले विशेष उत्सवों के दौरान भी गंगाजल से अभिषेक की परंपरा रही है।
इनका कहना है…
डाकघर में काफी समय से गंगाजल नहीं है। हरिद्वार और ऋषिकेष से गंगाजल आता है। परिमंडल कार्यालय, भोपाल से पांच हजार लीटर गंगाजल की डिमांड की गई है। आरके शर्मा, पोस्टमास्टर, प्रधान डाकघर, छिंदवाड़ा