एक तरफ शव और एक तरफ उखड़ रही थी सांस
शिक्षक दिनेश भट्ट ने कहा कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के दौरान अपने सामने लगभग 30 उखड़ती सांसों को मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा भी आया जब मेरे बेड के एक तरफ शव पड़ा था और एक तरफ दूसरे मरीज की सांस उखड़ रही थी। ऐसा दृश्य देखकर आत्मा हिल गई, लेकिन मैंने अपने आपको संभाला। कोविड वार्ड का वातावरण आए दिन तनाव भरा रहता था, लेकि मैंने सब कुछ सामान्य ढंग से लिया। अपने ऊपर नकारात्मकता हावी नहीं होने दिन। अच्छा इलाज और मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर जंग जीत ली। शिक्षक ने सभी से अपील की कि वे कोरोना से बचाव को लेकर गाइडालनइ का पालन करें। अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्वस्थ रहें। घबड़ाए नहीं।
मोबाइल बहुत काम आया
शिक्षक ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने पर मोबाइल बहुत काम आया। वे हमेशा कॉमेडी धारावाहिक, कॉमेडी मूवी और मनपसंद किताब पढ़ते रहे। इससे उन्हें अच्छा फील होता था।
शिक्षक ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने पर मोबाइल बहुत काम आया। वे हमेशा कॉमेडी धारावाहिक, कॉमेडी मूवी और मनपसंद किताब पढ़ते रहे। इससे उन्हें अच्छा फील होता था।