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किसान खेतों से मंडी नहीं ले जा कपास की फसल

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 04, 2018 05:34:35 pm

एक माह बाद भाव में कमी होने की वजह से अब किसानों को उचित भाव नहीं मिल रहा है।

Now in the foreign country, demand of bilaras cotton

cotton

सौंसर. क्षेत्र की कपास फसल को इस वर्ष भी उचित भाव मिलते हुए नहीं दिख रहा है। लगभग एक माह पूर्व मंडियों में कपास खरीदी की शुरुआत हुई तो 5 हजार 600 रुपए के आसपास प्रति क्विंटल भाव उत्पादक किसानों को मिला। लेकिन एक माह बाद भाव में कमी होने की वजह से अब किसानों को उचित भाव नहीं मिल रहा है। इस कारण किसान अब अपनी कपास फसल खेतों से मंडी में ले जाने से कतरा रहे हैं।
किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष भी कपास फसल को लेकर बाजार में यही भाव थे और इस वर्ष भी कपास को लेकर यहीं स्थिति बनी हुई है। किसान कपास को उचित भाव नहीं मिलने की वजह से परेशानी से घिरा हुआ दिख रहा है। कपास उत्पादक किसानों को उम्मीद थी की इस वर्ष कपास के भाव में बढ़ोत्तरी होगी और किसानों को उनकी मेहनत का अच्छा दाम मिलेगा किन्तु दाम कम हो रहे हंै।
कपास पर लाल्या रोग से परेशान किसान
इस वर्ष कहीं-कहीं खेतों में कपास फसल पर लाल्या रोग भी दिखाई दे रहा है जिससे कपास फसल प्रभावित हो रही है। वैसे वर्तमान फसल खेतों से बाहर निकलने की स्थिति में है और किसानों ने कपास की फसल खेतों से दो से तीन बार निकाली जा चुकी है। खेतों में अभी भी कपास फसल शेष है जिस पर अब लाल्या रोग पड़ चुका है। किसानों का कहना है कि भाव नहीं मिल रहा है और खेतों में वैसे ही फसल पर रोग पडऩे लगा है।
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