मां की देखभाल नहीं करता बेटा परासिया. परिवार परामर्श केंद्र में सुनवाई के दौरान बिजी साइडिंग में पूर्व कार्यरत महिला ने अपने बेटे से भरण पोषण के लिए प्रतिमाह राशि दिलाए जाने की गुहार लगाई। महिला ने अपनी शिकायत ने बताया कि वह वेकोली से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर उसने अपने बेटे को वेकोलि में अनुकम्पा नियुक्ति के तहत नौकरी दिलाई। उसका बेटा वर्तमान में विष्णुपुरी खदान में कार्यरत हैं।
नौकरी मिलने के बाद उसका बेटा अपने परिवार के साथ अलग रहने लगा और वह मां के प्रति उदासीन हो गया। वर्तमान में मां को जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है। कई बार कहने के बाद भी बेटा खर्च के लिए कोई राशि नहीं देता है। सुनवाई में बेटे ने आश्वासन दिया कि प्रतिमाह 15 तारीख के पूर्व वह भरण पोषण के लिए राशि अपनी मां को देगा। वहीं दूसरे मामले में पति ने अपनी शिकायत में बताया कि पत्नी अधिकांश समय मायके जाती है और वहां से समय पर वापस नहीं आती है। मायके में ही रुक जाती है। पत्नी ने कहा कि वह सास ससुर के साथ नहीं रहना चाहती है। पति के साथ अलग रहना चाहती है। काउंसलरों में दोनों को समझाइश दी और अगली पेशी में आपस में सहमति बनाने की बात कही। केंद्र में 5 प्रकरणों में एक पक्ष के अनुपस्थित होने के कारण अगली सुनवाई तिथि दी गई।
नौकरी मिलने के बाद उसका बेटा अपने परिवार के साथ अलग रहने लगा और वह मां के प्रति उदासीन हो गया। वर्तमान में मां को जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है। कई बार कहने के बाद भी बेटा खर्च के लिए कोई राशि नहीं देता है। सुनवाई में बेटे ने आश्वासन दिया कि प्रतिमाह 15 तारीख के पूर्व वह भरण पोषण के लिए राशि अपनी मां को देगा। वहीं दूसरे मामले में पति ने अपनी शिकायत में बताया कि पत्नी अधिकांश समय मायके जाती है और वहां से समय पर वापस नहीं आती है। मायके में ही रुक जाती है। पत्नी ने कहा कि वह सास ससुर के साथ नहीं रहना चाहती है। पति के साथ अलग रहना चाहती है। काउंसलरों में दोनों को समझाइश दी और अगली पेशी में आपस में सहमति बनाने की बात कही। केंद्र में 5 प्रकरणों में एक पक्ष के अनुपस्थित होने के कारण अगली सुनवाई तिथि दी गई।