दिन में चलाते थे साइकल, रात में करते थे विश्राम
अभिषेक ने बताया कि साइकल से छिंदवाड़ा से तिरुपति बालाजी तक जाने में उन्हें कोई समस्या नहीं हुई। वह सुबह 4 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक साइकल से यात्रा करते थे। इसके बाद शाम को जहां जगह मिल जाती वहीं विश्राम करते और फिर अगले दिन सुबह फिर से यात्रा पर निकल जाते थे।
अभिषेक ने बताया कि साइकल से छिंदवाड़ा से तिरुपति बालाजी तक जाने में उन्हें कोई समस्या नहीं हुई। वह सुबह 4 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक साइकल से यात्रा करते थे। इसके बाद शाम को जहां जगह मिल जाती वहीं विश्राम करते और फिर अगले दिन सुबह फिर से यात्रा पर निकल जाते थे।