विशेष सत्र न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) छिंदवाड़ा ने विचारोपरांत प्रकरण में अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष के प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों पर विचार करने के बाद धर्मेन्द्र कुमार यादव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 (1) , 13 (2) के अपराध में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड और धारा 13 (1), सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में चार वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। जुर्माना अदा न करने की दशा में छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास का फैसला सुनाया है। प्रकरण में शासन की ओर से समीर कुमार पाठक जिला अभियोजन अधिकारी ने पैरवी की।