Court order: रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुए लेखापाल को न्यायालय ने सुनाई यह सजा
छिंदवाड़ाPublished: Nov 16, 2019 11:27:21 am
चार वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
छिंदवाड़ा. जबलपुर लोकायुक्त टीम द्वारा लगभग साढ़े चार वर्ष पहले सत्कार तिराहे पर दो हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किए गए लेखापाल को न्यायालय ने चार वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामला 11 मई 2015 का है। आवेदक गिरीश कुमार चंद्रवशी ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर के समक्ष एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया। आवेदन में जिक्र किया गया कि लेखापाल चंद्रशेखर डेहरिया समयमान का एरियर्स निकाले जाने के एवज में दो हजार रुपए की मांग कर रहा है। लोकायुक्त ने गिरीश को रिश्वती मांग संबंधी बातें फोन पर रिकॉर्ड करने हेतु वाइस रिकार्डर देकर भेजा। 12 मई 2015 को गिरीश ने लोकायुक्त को सूचित किया कि उसने आरोपी से रिश्वत लेन-देन की बात अमरवाडा स्थित उसके घर पर जाकर रिकॉर्ड कर ली है। पैसे देने की बात 14 मई 2015 को तय हुई है। वार्ता रिकार्ड होने के बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर द्वारा ट्रेप दल का गठन कर निर्धारित तिथि पर छिंदवाड़ा भेजा गया। लोकायुक्त टीम ने आरोपी को सत्कार तिराहा के पास दो हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। विशेष सत्र न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) छिंदवाडा द्वारा प्रकरण में अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्को पर विचार करने के पश्चात आरोपी अमरवाड़ा सिविल अस्पताल में पदस्थ लेखापाल चंद्रशेखर डेहरिया को दोषी पाते हुए चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया एवं न्यायिक अभिरक्षा में छिंदवाड़ा जिला जेल में भेजा गया। प्रकरण में शासन की तरफ से जिला अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक द्वारा प्रभावी पैरवी की गई।