नाबालिग के दुष्कर्मी को आजीवन कारावास छिंदवाड़ा. नाबालिक से दुष्कर्म मामले में न्यायालय ने आरोपी का दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 15 वर्षीय नाबालिक पीडि़ता अपने गांव से पढने के लिये छिन्दवाडा बस से आना जाना करती थी। 13 नवंबर 2018 को नाबालिग रोज की तरह सुबह करीब 10:30 बजे छिन्दवाडा पहुंची जहां पर चौक पर आरोपी शुभम तथा दीपक उर्फ संजू मिले। नाबालिग तथा उसके पिता ने कोचिंग करने के लिये किसी कोचिंग बाले का पता करने को शुभम तथा दीपक उर्फ संजू को पूर्व में बोला था। 13 नंबर को दीपक उर्फ संजू तथा शुभम ने नाबालिग पीडिता से कहा की एक कोचिंग क्लास का पता किए है आप चलकर मिल लो। आरोपी बहला फुसलाकर बाइक में बैठाकर नाबालिग को रिश्तेदार के किराये के कमरे मे लेकर गए। शुभम यह बोलकर चला गया की वह कुछ देर में टीचर को लेकर आता है। इसके बाद दीपक उर्फ संजू ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया तथा नाबालिग पीडिता के साथ दुष्कर्म किया। एक रात को दीपक उर्फ संजू ने नाबालिग पीडिता को जबरदस्ती कमरे गें बन्द रखा फिर दूसरे दिन घर के पास लाकर छोड़ दिया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। उसके बाद पता नहीं परिभाषा जाकर कोतवाली में मामला दर्ज कराया। थाना कोतवाली जाकर रिपोर्ट दर्ज कराया। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉस्को एक्ट) छिंदवाड़ा के न्यायालय में मामला प्रस्तुत किया गया । संध्या मनोज श्रीवास्तव विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट ) छिन्दवाडा के द्वारा विचारण के दौरान आयी, अभियोजन पक्ष की साक्ष्य एवं बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्को पर विचार करने के पश्चात निर्णय पारित करते हुये आरोपी दीपक उर्फ संजू उम्र 26 वर्ष को 5 वर्ष का कठोर कारावास 2000/- रूपये अर्थदण्ड धारा 342 भादवि मे 1 वर्ष का आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया। नाबालिग पीडिता के भविष्यवर्ती जीवन को विचार में रखते हुए पीडित प्रतिकर योजना के अंतर्गत राज्य सरकार से प्रतिकर दिलाये जाने के भी आदेश दिए गये। प्रकरण में शासन की ओर से दिनेश कुमार उइके विशेष लोक अभियोजक छिन्दवाडा द्वारा पैरवी की गई ।