‘आधार’ का संकट, ठंडे बस्ते में पड़े नए सेंटर
छिंदवाड़ाPublished: Feb 08, 2019 09:10:48 pm
मुख्यालय के चक्कर लगा रहे जरूरतमंद, इ-गर्वर्नेंस के प्रस्तावों को नहीं मिली मंजूरी
गांवों में ‘आधार’ का संकट, ठंडे बस्ते में पड़े नए सेंटर छिंदवाड़ा. गांवों में आधार कार्ड के सेंटर न होने से ग्रामीणजनों को जिला मुख्यालय के चक्कर लगाना पड़ रहे हंै। जरूरत के बावजूद मप्र इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने 32 केंद्रों के प्रस्ताव को मंजूरी
नहीं दी है। ये प्रस्ताव चार माह पहले भेजे गए थे। कार्पोरेशन ने इस फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। खुद प्रशासनिक अधिकारी इस पर दो बार पत्र लिख चुके हैं। अब तीसरी बार स्मरण-पत्र लिखने की तैयारी है।
इ-गवर्नेंस विभाग की जानकारी के मुताबिक वर्तमान में जिले में एमपीएसीडीसी के अधीन 15 आधार केंद्र संचालित थे। इनमें से दो और बंद हो गए हैं। बैंक और पोस्ट ऑफिस के 19 केंद्र शहरी इलाकों में ही राहत देते हैं। पिछली शिवराज सरकार के समय बनाए गए नियमों के तहत इ-गवर्नेंस विभाग द्वारा 32 नए आधार केंद्रों के प्रस्ताव कॉरपोरेशन को भेजे गए थे, जिन्हें अब तक अनुमति नहीं मिल सकी है। ऐसा न होने पर आधार केंद्र संचालित करने के इच्छुक लोग निराश हो रहे हैं। वे बार-बार इ-गवर्नेंस विभाग से सम्पर्क कर रहे हैं। गांवों में आधार सेंटर न होने से क्षेत्रीय ग्रामीणजन भी परेशान हो रहे हैं। उन्हें बार-बार जिला व ब्लॉक मुख्यालय आना पड़ता है। जय किसान फसल ऋणमाफी योजना के तहत आवेदन करने के लिए भी किसान आधार कार्ड बनावाने के लिए भटकते नजर आए।
इ-गर्वनेंस अधिकारी अतुल शर्मा का कहना है कि 32 नए आधार केंद्रों के प्रस्ताव पर अनुमति का इंतजार हैं। इसके लिए तीसरी बार पत्र कलेक्टर की ओर से कारपोरेशन को लिखा जाएगा।