scriptकोयला भंडार पर संकट, कोल स्टॉक में लगी आग | Crisis on coal reserves, fire in coal stock | Patrika News

कोयला भंडार पर संकट, कोल स्टॉक में लगी आग

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 14, 2021 01:17:19 pm

पेंच क्षेत्र के घाटे को कम करने के लिए वेकालि मुख्यालय के आला अधिकारी परेशान हैं । वहीं एक माह में तीन खदानों के कोल स्टॉक में लगी आग ने करोड़ों के कोयला भंडार पर संकट खड़ा कर दिया है।

coal

coal

छिंदवाड़ा/परासिया. पेंच क्षेत्र के घाटे को कम करने के लिए वेकालि मुख्यालय के आला अधिकारी परेशान हैं । वहीं एक माह में तीन खदानों के कोल स्टॉक में लगी आग ने करोड़ों के कोयला भंडार पर संकट खड़ा कर दिया है। न्यू सेठिया ओपन कास्ट कोयला खदान पिछले वर्ष हुई अतिवृष्टि से लगभग बंद जैसी स्थिति में है। खदान के भीतर भारी मात्रा में पानी एकत्रित हो गया था , जिसे खाली कराने में प्रबंधन कामयाब नहीं हो पाया।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ओपन कास्ट कोयला खदान उरधन के कोयला स्टॉक में आग लगने से करोडों रुपए मूल्य के कोयले के जलकर नष्ट होने की आशंका है। यहां लगभग 1 लाख 22 हजार टन कोयला स्टॉक किया गया है । जिसे परिवहन कर कंपनियों को भेजा जाता है । जहां से रेलवे के माध्यम से कोयला थर्मल पावर स्टेशन जाता है। प्रबंधन पाइप लाइन द्वारा खदान के पानी से छिडक़ाव कर और जहां आग लगी है वहां से जेसीबी की सहायता से कटाव कर आग के फैलाव पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। पेंच क्षेत्र की एक अन्य भूमिगत कोयला खदान महादेवपुरी के कोल स्टाक में लगभग बीस दिन पूर्व आग लग चुकी है । यहां लगभग 22 हजार टन कोयला स्टॉक था। आग से कितना नुकसान हुआ है अभी तक प्रबंधन ने इसका खुलासा नहीं किया है। लोगों का आरोप है कि प्रबंधन आग लगने की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेता। प्रतिवर्ष खदानों में आग लगती है और लाखों रूपए का कोयला जलकर खाक हो जाता है।
कोल स्टॉक में आग से संदेह
कोयला खदानों में कोल स्टॉक अथवा डंपिग यार्ड में आग लगने की घटनाएं होती हैं, लेकिन पेंच की खदानों में लगातार आग की घटनाओं ने कई संदेह उत्पन्न कर दिए हैं। कोल स्टॉक में सामान्य रूप से स्वत: तपन प्रक्रिया के कारण आग लग जाती है। वहीं कई बार कोल स्टॉक में गडबडियों को छिपाने के लिए भी इसका सहारा लिया जाता है। कोयले के ढेर में लगी आग आसानी से नहीं बुझ पाती है । इस पर पूरी तरह काबू पाने में लंबा समय लगता है। तब तक लाखों का कोयला जलकर नष्ट हो जाता है। हालांकि पेंच कन्हान में कोल स्टॉक में लगी आग के संबंध में सीबीआई और विजिलेंस विभाग की जांच की जद में कई आला अधिकारी आ चुके हंै। कोयला खदानों में कोल स्टॉक को समय पर परिवहन क्यों नहीं किया गया और आग लगने से बचाव के लिए प्रबंधन ने कोई तैयारी क्यों नहीं की इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो