कोयला खदानों में कोल स्टॉक अथवा डंपिग यार्ड में आग लगने की घटनाएं होती हैं, लेकिन पेंच की खदानों में लगातार आग की घटनाओं ने कई संदेह उत्पन्न कर दिए हैं। कोल स्टॉक में सामान्य रूप से स्वत: तपन प्रक्रिया के कारण आग लग जाती है। वहीं कई बार कोल स्टॉक में गडबडियों को छिपाने के लिए भी इसका सहारा लिया जाता है। कोयले के ढेर में लगी आग आसानी से नहीं बुझ पाती है । इस पर पूरी तरह काबू पाने में लंबा समय लगता है। तब तक लाखों का कोयला जलकर नष्ट हो जाता है। हालांकि पेंच कन्हान में कोल स्टॉक में लगी आग के संबंध में सीबीआई और विजिलेंस विभाग की जांच की जद में कई आला अधिकारी आ चुके हंै। कोयला खदानों में कोल स्टॉक को समय पर परिवहन क्यों नहीं किया गया और आग लगने से बचाव के लिए प्रबंधन ने कोई तैयारी क्यों नहीं की इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है।